

नई दिल्ली, 18 अप्रैल 2025 — दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी की जेलों में विधि अधिकारियों की नियुक्ति न होने के मामले में दिल्ली सरकार और जेल महानिदेशक को नोटिस जारी किया है. अदालत ने आदेश का पालन न करने पर जवाब तलब करते हुए अगली सुनवाई 9 मई 2025 को निर्धारित की है.
यह नोटिस अधिवक्ता अमित साहनी द्वारा दाखिल की गई अवमानना याचिका पर जारी किया गया है. याचिका में कहा गया कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद आज तक दिल्ली की जेलों में विधि अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई है.
पिछले आदेश में सरकार ने अदालत को बताया था कि फिलहाल संविदा (contract) के आधार पर विधि अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी और बाद में स्थायी पद सृजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस बयान के आधार पर कोर्ट ने पहले की याचिका का निपटारा कर दिया था.
याचिकाकर्ता के अनुसार, दिल्ली की सभी 16 जेलों के लिए केवल एक विधि अधिकारी तैनात है जो तिहाड़ जेल मुख्यालय से सभी कानूनी मामलों की निगरानी करते हैं. इससे कैदियों को समय पर कानूनी सहायता नहीं मिलती, और उनका न्याय तक पहुंचना कठिन हो जाता है.
दिल्ली जेल अधिनियम का उल्लंघन
याचिका में कहा गया कि दिल्ली जेल अधिनियम, 2000 की धारा 6 के अनुसार हर जेल में कम से कम एक विधि अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य है. विधि अधिकारी का कार्य मामलों का रिकॉर्ड रखना, विभागों के साथ समन्वय करना, कोर्ट में पेश होना, कैदियों को सलाह देना और छोटे अपराधों के मामलों में विशेष अदालत गठित करने में मदद करना होता है.
जस्टिस महाजन का रुख सख्त
जस्टिस विकास महाजन ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार और संबंधित अधिकारी अदालत के आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें इसका कानूनी जवाब देना होगा. इस मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी, जिसमें अदालत सरकार के स्पष्टीकरण पर विचार करेगी.
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