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टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद बारामुला से सांसद राशिद इंजीनियर को दिल्ली हाई कोर्ट राहत

दिल्ली हाई कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद बारामूला सांसद राशिद इंजीनियर को 26 मार्च से 4 अप्रैल तक संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी, लेकिन मोबाइल और मीडिया से बातचीत पर रोक लगाई.

Rashid Engineer
Aarika Singh Edited by Aarika Singh

टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद बारामुला से सांसद राशिद इंजीनियर को दिल्ली हाई कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. कोर्ट ने राशिद इंजीनियर को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने संसद सत्र के दौरान 26 मार्च से लेकर चार अप्रैल तक चलने वाला सत्र में शामिल होने के लिए अनुमति दे दी है. जस्टिस चंद्रधारी सिंह और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि संसद सत्र में भाग लेने के दौरान राशिद इंजीनियर मीडिया से बातचीत इंटरनेट सहित मोबाइल के इस्तेमाल पर पाबंदी रहेगी.

सांसद ने कोर्ट से कहा था कि भले उसे हिरासत पैरोल या अंतरिम जमानत न दिया जाए, लेकिन उसे हिरासत में ही संसद सत्र में भाग लेने दिया जाए. रशीद को संसद सत्र में भाग न लेने की अनुमति दिए जाने का एनआईए ने विरोध किया था. उसने कहा था कि अदालत का संसद के अंदर कोई अधिकारक्षेत्र नहीं है. विशेष एनआईए अदालत ने रशीद को जमानत देने से इनकार कर दिया था. रशीद पर वर्ष 2017 के आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चल रहा है. उन्होंने निचली अदालत के 10 मार्च के आदेश को चुनौती दिया था जिसमें उन्हें संसद सत्र में भाग लेने के लिए हिरासत पैरोल या अंतरिम जमानत नहीं दिया गया था.

पूर्व विधायक का नाम आया सामने

राशिद इंजीनियर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था. राशिद इंजीनियर शेख अब्दुल रशीद के नाम से भी जाना जाता है. वह 2017 के आतंकवादी वित्तपोषण (आतंकी फंडिंग) मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से रशीद 2019 से जेल में बंद है. बता दें कि कश्मीरी कारोबारी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान पूर्व विधायक शेख अब्दुल राशिद का नाम सामने आया था.

एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को फंड देने के आरोप में वटाली को गिरफ्तार किया था.पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब बट्ट उर्फ पीर सैफुल्ला के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. एनआईए में मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए- मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

-भारत एक्सप्रेस



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