
दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स व मेटा को पत्रकार तथा यूटय़ूबर श्याम मीरा सिंह का ईशा फाउंडेशन एवं उसके संस्थापक जग्गी सद्गुरु से संबंधित हालिया वीडियो को हटाने का आदेश दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने विवादित वीडियो को आगे भी साझा न करने का निर्देश दिया. साथ ही लोगों को किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो अपलोड करने से भी प्रतिबंधित कर दिया. जस्टिस ने यह अंतरिम आदेश ईशा फाउंडेशन की अर्जी पर दिया. कोर्ट 9 मई को अगली सुनवाई करेगा.
सिंह ने हाल ही में ईशा फाउंडेशन में कुछ मुद्दों पर रिपोर्टिग करते हुए एक वीडियो अपलोड किया था. ईशा फाउंडेशन ने उसके बारे में कहा था कि यह वीडियो दुर्भावनापूर्ण व झूठा है. फाउंडेशन के वकील ने कोर्ट से कहा कि श्याम मीरा सिंह ने 19 फरवरी को उसके मुवक्किल को एक ईमेल भेजा था, जिसमें कहा गया था कि वह एक यूट्यूब पत्रकार है. वह सुरु के नाबालिग लड़िकयों को अपने ऊपरी कपड़े उतारने के लिए कहने के बारे में एक वीडियो बनाने का इरादा रखता है. सिंह ने आरोपों के बारे में कुछ सवाल भी पूछे थे.
पत्रकार श्याम मीरा सिंह पर आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि वीडियो को पिछले महीने महाशिवरात्रि से महज दो दिन पहले रणनीतिक और जानबूझकर जारी किया गया था. सिंह ने ऐसा कोयंबटूर में ईशा फाउंडेशन के महाशिवरात्रि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति को लेकर हंगामा खड़ा करने के लिए किया था. साथ ही गैर मुद्दे को सनसनीखेज बना दिया.
वकील ने यह भी कहा कि यह वीडियो दुनिया के लिए खुला है. वीडियो को नौ लाख से अधिक बार देखा गया है और 13 हजार से अधिक टिप्पणियां हैं. इसको लेकर अपमानजनक ट्वीट हैं. दशकों से बनी प्रतिष्ठा को इस तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है.
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-भारत एक्सप्रेस
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