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दिल्ली हाईकोर्ट ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ईडी मामलों में सुनवाई टाली, 29 मई तक ईडी से मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ चीनी वीजा और एयरसेल-मैक्सिस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में आरोप तय करने की कार्यवाही फिलहाल टालने को कहा है.

कार्ति चिदंबरम. (फोटो: IANS)

दिल्ली हाईकोर्ट ने राऊज एवेन्यु कोर्ट से कहा कि वह फिलहाल कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के खिलाफ दर्ज चीनी वीजा मामला एवं एयरसेल मैक्सिस मामले से जुड़े धन शोधन मामलों में आरोप तय होने पर सुनवाई टाल दे. न्यायमूर्ति रविंद्र डूडेजा ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब देने को कहा है और सुनवाई 29 मई के लिए स्थगित कर दी है. कार्ति ने उन दोनों मामलों की आरोप तय होने पर बहस शुरू करने पर रोक लगाने की मांग की थी.

कार्ति ने कहा था कि जब तक सीबीआई मामले में आरोप तय नहीं हो जाते तबतक धन शोधन के मामले में सुनवाई नहीं होनी चाहिए. क्योंकि वे अगर सीबीआई मामले में बरी हो जाते हैं तो उस आधार पर दर्ज ईडी के मामले अपने आप समाप्त हो जाएंगे. इसलिए ईडी मामले में आरोप तय होने पर बहस नहीं होनी चाहिए.

पहले सीबीआई केस निपटे, फिर ईडी केस चले

वहीं ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सीबीआई के मामले के साथ-साथ ईडी के मामलों की भी सुनवाई होनी चाहिए. बशर्ते कि कोई फैसला न सुनाया जाए. वैसे दोनों मुद्दे एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं. इसलिए धन शोधन के मामले में आरोप तय होने पर बहस शुरू होनी चाहिए.

कार्ति चिदंबरक ने विशेष अदालत के 28 मार्च के आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत उनके खिलाफ आरोप तय करने पर जिरह टालने की मांग करने वाली उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था. ईडी ने 2011 में पी. चिदंबरम के केंद्रीय गृह मंत्री रहने के दौरान 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने में हुए कथित घोटाले को लेकर कार्ति और अन्य के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है.

उसने यह मामला सीबीआई की ओर से दर्ज मामले के आधार पर दर्ज किया है. दूसरा मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी देने में हुई कथित अनियमितताओं से संबंधित है. यह मंजूरी 2006 में दी गई थी, जब पी. चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे.

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-भारत एक्सप्रेस 



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