दिल्ली विश्वविद्यालय
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव के परिणाम के लिए प्रत्याशियों को अभी और इंतजार करना होगा. सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के मामले में हाई कोर्ट ने फिर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने उम्मीदवारों को रोल मॉडल के रूप में कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया है.
कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाने और लापरवाही से वाहन चलाने के मामलों में छात्रों को तलब किया है. अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय की पवित्रता बनाए रखने में मदद करने का निर्देश दिया है और हर उम्मीदवार को अपने-अपने कॉलेजों की सफाई की जिम्मेदारी लेने का आदेश दिया है.
वहीं, उम्मीदवारों की ओर से पेश वकील ने कहा कि परिसर की स्थिति में सुधार के लिए पहले से ही प्रयास चल रहे हैं. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि उम्मीदवारों ने अपने किए पर पश्चाताप व्यक्त किया है और दिल्ली विश्वविद्यालय तथा अन्य क्षेत्रों से पोस्टर, होर्डिंग्स, और बैनर हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
कोर्ट ने उन्हें सफाई के प्रमाण के रूप में फोटो सहित संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. साथ ही उत्तर और दक्षिण दोनों परिसरों का सौंदर्यीकरण करने का निर्देश भी दिया है. इसके अलावा, उम्मीदवारों को यह आश्वासन देना होगा कि वे भविष्य में ऐसी गतिविधियों से दूर रहेंगे. कोर्ट ने यह हलफनामा सुनवाई से 3 दिन पहले दाखिल करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट इस मामले में 11 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में दावा किया गया था कि सार्वजनिक संपत्तियों की 90 फीसदी सफाई हो चुकी है. चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा था कि हम उन लोगों पर कार्रवाई कर सकते हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है. कोर्ट ने यह भी पूछा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ दिल्ली मेट्रो अधिनियम के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
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-भारत एक्सप्रेस
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