
Nitish Katara Murder Case: साल 2002 के बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में तिहाड़ जेल में बंद दोषी विकास यादव की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के डायरेक्टर को आदेश दिया है कि तुरंत मेडिकल बोर्ड का गठन करें और मेडिकल बोर्ड विकास यादव की मां का चेकअप कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे.
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ 21 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. विकास यादव की माँ की तबियत खराब है और वो गाजियाबाद में यशोदा हॉस्पिटल में भर्ती है, जिनकी देखरेख के लिए विकास यादव ने अंतरिम जमानत की मांग की है.
मामले की सुनवाई के दौरान विकाश यादव की मां की तबियत खराब है, वह 23 साल से जेल में बंद है. लिहाजा माँ की देखभाल के लिए 15 दिन के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की जाए. निचली अदालत और हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ विकास और विशाल यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने विकास और विशाल को आजीवन कारावास की सजा को 25 साल की सजा में तब्दील कर दिया था. 17 फरवरी 2002 को नीतीश कटारा की हत्या कर दी गई थी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव और विशाल यादव को मौत की सजा देने से इंकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला केवल हत्या का है न कि जघन्यतम अपराध का. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि इस मामले में आजीवन जेल में रखने की भी सजा नही दी जा सकती.
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-भारत एक्सप्रेस
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