
BPSC अध्यक्ष रवि मनुभाई परमार
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) अध्यक्ष मनु भाई परमार की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वंशजा शुक्ला को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. अधिवक्ता बृजेश सिंह की ओर से दायर याचिका में आपराधिक इतिहास के बावजूद मनु भाई परमार को बीपीएससी का चेयरमैन की नियुक्त करने का आरोप लगाया है.
याचिका में कहा गया है कि बीपीएससी अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति से पहले परमार को विजिलेंस ने भ्र्ष्टाचार के मामले में आरोपी बनाया गया था. महादलित विकास मिशन के तहत ट्रेनिंग और सुविधाएं देने के नाम पर हुए स्कैम में विजिलेंस विभाग ने केस दर्ज किया था. महादलितों के विकास के लिए सरकार ने 2007 में मिशन का गठन किया था पर इसने 2010 से काम शुरू किया. मिशन ने श्रीराम न्यू हॉरिजन और आईआईआईएम को टेंडर किया था. लेकिन सरकार ने उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
जानें क्या है मामला
समंवयक पद पर कार्यरत शशि भूषण सिंह नामक गवाह ने अपने बयान में कहा है कि बिहार महादलि विकास मिशन में महादलित छात्र-छात्राओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण देना था, जिसके लिए श्री राम हॉरिजन नामक एनजीओ को निविदा के माध्यम से प्रशिक्षण के लिए चयन किया गया था. मनु भाई परमार 1992 बैच के अफसर अधिकारी है. बीपीएससी में अध्यक्ष का पद संभालने के लिए उन्होंने बीआरएस लिया था. बता दें कि आईएएस अधिकारी रवि भाई परमार भूतत्व विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत थे. रवि भाई मनु कला संस्कृति, एससी-एसटी कल्याण समेत कई महत्वपूर्ण विभाग में सचिव, प्रधान सचिव और अपर सचिव भी रहे है.
-भारत एक्सप्रेस
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