
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने एक छह वर्षीय नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल की कठोर सजा सुनाई है. वर्ष 2016 में दोषी व्यक्ति ने बच्ची का यौन उत्पीड़न किया था.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बच्चों को यौन हमले का शिकार बनाने वाले दरिंदों के प्रति समाज की घृणा फैसले में झलकनी चाहिए.साथ ही अदालत ने पीड़िता को तीन लाख रुपए मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है. तीस हजारी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार ने 27 वर्षीय दोषी को पॉक्सो की धारा 10 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत दोषी ठहराया है.
मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश वकील विकास सिंह ने कहा था कि दोषी के साथ किसी तरह की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए. उसे ऐसी कड़ी सजा मिलनी चाहिए कि समाज में कड़ा संदेश जाए.
अदालत ने कहा कि बच्चों को निशाना बनाने वाले यौन अपराधियों के प्रति समाज में जो घृणा है, वह अदालतों के फैसलों में भी झलकनी चाहिए. आपराधिक न्याय प्रणाली का उद्देध्य न केवल अपराधी को आनुपालिक दंड देकर उसका शुद्धिकरण करना है, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से आहत पीड़िता को हमेशा के लिए पुर्नवासित करना भी है.
ये भी पढ़ें: MCOCA Case: AAP के पूर्व विधायक नरेश बालियान की जमानत याचिका पर 15 मई को होगी सुनवाई
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.