Brain Stroke In Summer
उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में तापमान 40 से 46 डिग्री तक पहुंच गया है. भीषण गर्मी के चलते महिलाओं में ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं. ब्रेन स्ट्रोक को दिमाग का दौरा भी कहा जाता है. यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें मस्तिष्क के एक हिस्से में ब्लड फ्लो कम हो जाता है. इससे दिमाग के वेसल्स को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिसके कारण वे डैमेज हो सकती हैं या मर भी सकती हैं. ऐसे में ब्रेन स्ट्रोक जानलेवा साबित हो सकता है. स्ट्रोक के कारण शरीर का तापमान 40 डिग्री से ज्यादा भी हो सकता है. हीट स्ट्रोक के कारण दिल की धड़कन बढ़ सकती है और सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है. हीट स्ट्रोक के कारण हड्डियों में दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है.
स्टडी के मुताबिक साल 2050 तक हर साल स्ट्रोक से लगभग 1 करोड़ लोगों की जान जा सकती है. अभी की बात करें तो इस वक्त दुनिया में ब्रेन स्ट्रोक के मामले हर साल डेढ़ करोड़ के करीब आते हैं. अकेले भारत में सालाना 18 लाख से ज्यादा लोगों को स्ट्रोक आता है और ये नंबर गर्मी के मौसम में और बढ़ जाता हैं. ठंडे गर्म का ख्याल नहीं रखते, एक सेकंड में AC से चिलचिलाती धूप में निकल जाते हैं, प्यास को अनदेखा करते हैं और नतीजा डिहाइड्रेशन और गर्मी के एक्सपोज़र से ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हो जाते हैं. ये कुछ कॉमन गलतियों के कारण हीट स्ट्रोक की समस्या हो जाती हैं. हाल ही में एक डॉक्टर ने 3 तरीके बताए हैं जिनसे महिलाएं स्ट्रोक होने के खतरे को कम कर सकती हैं.
इन लोगों को ब्रेन स्ट्रोक से ज्यादा खतरा
गर्मी के समय बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, किसी को भी स्ट्रोक हो सकता है, लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अधिक खतरा होता है. हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, टाइप 2 डायबिटीज और वे लोग शामिल हैं जिनका स्ट्रोक, दिल का दौरा जैसे बीमारी होने के कारण ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है.
मेडिटेरियन डाइट अपनाएं
डॉक्टर का कहना है कि मेडिटेरियन डाइट प्लांट बेस्ड डाइट है जो रेड मीट और शुगर का सेवन कम करते हुए फल, सब्जियों, साबुत अनाज और हेल्दी फैट पर फोकस करती है. एक स्टडी में पाया गया कि जो महिलाएं मेडिटेरियन डाइट लेती थीं, उनमें मेडिटेरियन डाइट न फॉलो करने वाली महिलाओं की अपेक्षा स्ट्रोक का खतरा 22 प्रतिशत कम करता है.
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वायु प्रदूषण से बचें
अगर कोई 5 दिन तक भी वायु प्रदूषण के संपर्क में रहता है तो उसे स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है. इसलिए वायु प्रदूषण से बचें रहें और अपने घर में भी एयर क्लिनर लगाएं. बाहर जाते समय मास्क पहनें ताकि हवा में मौजूद कणों को फिल्टर किया जा सके.
रोजाना योग करें
डॉक्टर का कहना है कि, योग वेट ट्रेनिंग जैसी फिजिकल एक्टिविटीज करने के साथ डीप ब्रीदिंगह करने जैसी माइंडफ्री को महत्व देने से स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में लाभ मिल सकता है. रोजाना 30 से 60 मिनट तक हफ्ते में 3 से 5 दिन ये एक्टिविटीज करें.
-भारत एक्सप्रेस
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