Chhath Puja 2023 Third Day: आज 19 नवंबर को महापर्व छठ का तीसरा दिन है. छठ पूजा के पर्व में उगते सूरज के साथ ढ़लते सूर्य देव और छठी मैया की पूजा होती है. इस दिन व्रत भी रखा जाता है, जो कि36 घंटे का होता है. यह सबसे कठिन वर्तों में से एक माना जाता है. आज के दिन हर घाट इसी तरह के भक्ति गीत से गूंजे उठेगी. इस दिन भगवान सूर्य देव को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. आज नदी, तालाब और झील इत्यादि किनारे बने घाट पर लोग छठ का डाला लेकर पहुंचेंगे, जहां व्रती महिलाएं सूर्यास्त के समय पूरे श्रद्धा भाव से भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देंगी. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने अपने संतान की लंबी आयु के साथ परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं.
इन चीजों के साथ सूर्य देव को दें पहला अर्घ्य
- छठ व्रत के तीसरे दिन घाट पर जाने से पहले बांस के डाला को अच्छे से सजा लें.
- डाला में सारे फल, प्रसाद और अन्य पूजा सामग्री रख दें.
- सभी प्रसाद सूप में भी रखें और सूप में ही दीपक जलाएं.
- इसके बाद घर का कोई सदस्य डाला को अपने सिर पर रखर तालाब या नदी यानी घाट तक ले जाएं.
- फिर घाट पर पहुंचने के बाद नदी किनारे डाला और गन्ना को अच्छे से रख दें.
- व्रती महिलाएं सूती यानी कॉटन की साड़ी ही पहनें और पुरुष धोती पहनकर ही छठ की पूजा करें.
- सूरज ढलने के समय व्रती पानी में प्रवेश करें.
- फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना करें.
- डाल, सूप आदि पूजा सामग्री को जल से स्पर्श जरूर कराएं.
भारत में छठ पूजा 2023 सूर्य अर्घ्य का समय
छठ पर्व का यह पहला अर्घ्य होगा और अर्घ्य को देने का सही समय शाम 5 बजकर 26 मिनट है.मान्यता है कि इस दिन व्रती महिला के अलावा परिवार के सदस्यों को भी अर्घ्य देना चाहिए. अर्घ्य देने के बाद सूर्य देव की अराधना करने का परंपरा है. सूर्यास्त के समय अर्घ्य देने के बाद 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. 20 नवंबर को सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा.
छठ व्रत में रखें इन चीजों का ध्यान
- अगर आपको कोई बीमारी है तो छठ का व्रत रखने से पहले किसी डॉक्टर की सलाह जरूर लें. उपवास के दौरान अपनी दवाइयों को नजरअंदाज न करें.
- छठ में व्रती महिलाओं को कम से कम बातचीत करनी चाहिए. ज्यादा बात करने से शरीर कमजोर पड़ने लगता है. तो ऐसे में अपना ज्यादा ध्यान पूजा-पाठ में ही लगाएं.
- छठ को अत्यंत सफाई और सात्विकता का व्रत माना जाता है. इसलिए इसमें सबसे बड़ी सावधानी यही मानी जाती है कि इस दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाना चाहिए.