Health News: हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक का उपयोग बढ़ता जा रहा है और विशेष रूप से बोतलबंद पानी का सेवन एक आम आदत बन चुकी है. हालांकि, हाल के रिसर्च ने इस आदत को लेकर गंभीर स्वास्थ्य चिंताओं को सामने रखा है. एक अध्ययन में पाया गया है कि औसतन एक लीटर पानी की बोतल में लगभग 240,000 प्लास्टिक कण होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं. आइए इसके बारे डिटेल में जानते हैं.
नैनोप्लास्टिक का खतरा (Health News)
प्लास्टिक के ये कण, जिन्हें नैनोप्लास्टिक कहा जाता है, इतनी छोटी होती हैं कि ये हमारे शरीर में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं. ये कण रक्त कोशिकाओं और मस्तिष्क में भी जा सकते हैं, जिससे कैंसर, जन्म दोष, और प्रजनन समस्याओं जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. नैनोप्लास्टिक के कारण स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक (long term) प्रभाव पड़ सकते हैं, जिनमें प्रजनन प्रणाली और मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं शामिल हैं.
प्लास्टिक कणों के नुकसान
बोतलों को बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक में थैलेट्स जैसे तत्व होते हैं, जिन्हें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ साइंसेज के अनुसार, थैलेट्स का संपर्क विकासात्मक (developmental), प्रजनन और मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं से जुड़ा है. इसके अलावा, पॉलियामाइड नामक नायलॉन भी पानी की बोतलों में पाया जाता है, जो एक और खतरनाक प्लास्टिक कण है.
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बोतल में पानी पीने के गंभीर प्रभाव
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा किए गए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि एक लीटर बोतलबंद पानी में 100,000 से ज्यादा नैनोप्लास्टिक के कण पाए जाते हैं. यह कण इतने छोटे होते हैं कि वे शरीर के अंदर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकते हैं और दिमाग व कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
क्या है रिसर्च का निष्कर्ष? (Health News)
वहीं हाल ही में किए गए एक अन्य शोध में बताया गया है कि प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च के अनुसार, पॉली कार्बोनेट की बोतलों में बिस्फेनॉल ए केमिकल होता है, जो दिल की बीमारियों और डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकता है. इसके अलावा, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है, विशेष रूप से ब्रेस्ट और ब्रेन कैंसर का.
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