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खाना खाने के बाद भी क्या आपको भी थोड़ी-थोड़ी देर में लगती है भूख? तो हो सकते हैं ये कारण, एक्सपर्ट से जानें…

अगर आपको भी बहुत ज्यादा भूख लगती हो और बार-बार कुछ खाने का मन करता हो तो यह गंभीर समस्या हो सकती है. लगातार भूख लगना आपके आहार में प्रोटीन, फाइबर और वसा की कमी के कारण हो सकता है.

Why Always Hungry

Why Always Hungry

अगर आपको भी बहुत ज्यादा भूख लगती हो और बार-बार कुछ खाने का मन करता हो तो यह गंभीर समस्या हो सकती है. लगातार भूख लगना आपके आहार में प्रोटीन, फाइबर और वसा की कमी के कारण हो सकता है. पर्याप्त नींद न लेना या तनाव में रहना भी आपकी भूख को प्रभावित कर सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि हद से ज्यादा भूख लगने के पीछे शरीर में होने वाली कुछ दिक्कतें हो सकती हैं और अगर ऐसा लगातार हो रहा है तो हमें पेट, लिवर, किडनी या दूसरे अंगों से जुड़ी जांचें करानी चाहिए. इसके अलावा ज्यादा भूख लगने के ये कारण भी हो सकते हैं…

हद से ज्यादा भूख लगने के कारण

डायटिशियन सुरभि पारीक बताती हैं कि हद से ज्यादा भूख लगना डायबिटीज का एक अहम लक्षण है. अगर किसी को ऐसा होता है तो उसे ब्लड शुगर का टेस्ट कराना चाहिए. एक्सपर्ट ने इसके पीछे और भी कई कारण बताएं जिसमें हार्मोनल इंबैलेंस या हाइपरथायरायडिज्म, मेंटल कंडीशन और न्यूट्रिशन डेफिशियेंसी भी शामिल हैं. कभी-कभी लोग स्ट्रेस में होने के चलते भी चीजों को ज्यादा खाने की गलती करते हैं.

हाइपोथाइरॉयडिज्म

लगातार भूख लगने का एक कारण हाइपोथाइरॉयडिज्म भी हो सकता है. इसमें थाइरॉयड की वजह से शरीर में हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है और भूख लगने लगती है.

हाइपोग्लैकैमिया

हाइपोग्लैकैमिया यानी लो शुगर लेवल. इसमें शरीर में ब्लड शुगर का लेवल कम हो जाता है जिसकी वजह से भूख ज्यादा लगती है ताकि शरीर उस खाने को ऊर्जा में परिवर्तित कर सके.

दवाएं

अगर आप कोई डिप्रेसन्ट, एंटीबायटिक या एलर्जी की दावा ले रहे हैं तो इससे कोई दुष्प्रभाव हो सकता है, जिसकी वजह से आपको ज्यादा भूख लग सकती है.

डीहाइड्रेशन

डीहाइड्रेशन भी लगातार भूख लगने का एक कारण हो सकता है. जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो कभी-कभी दिमाग भूख और प्यास में फर्क नहीं पहचान पाता है.

डाइट में करें ये बदलाव

एक्सपर्ट कहती हैं कि अगर किसी व्यक्ति को हद से ज्यादा भूख लगने की शिकायत है तो उसे अपने मील्स को खाने के पैटर्न में बदलाव करना चाहिए. छोटे-छोटे मील्स लेना समझदारी है. इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए. नॉर्मली भी हमें नाश्ते में प्रोटीन के सोर्स को पहले खाना चाहिए. किसी भी मील्स को खाते समय उसके फूड्स को अच्छे से चबाकर खाना चाहिए. माइंडफुल ईटिंग एक बेस्ट ऑप्शन है. एक्सपर्ट ये भी कहती हैं कि अगर कोई व्यक्ति स्ट्रेस में हद से ज्यादा खाता है तो उसे कुछ हेल्दी फूड्स को उसी दौरान खाना चाहिए. इसके लिए सलाद, फ्रूट्स या नट्स के ऑप्शन को चुना जा सकता है. इसके अलावा दिन में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए.



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