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बाल झड़ने से लेकर हार्ट फेल करने वाली बीमारियों तक को कंट्रोल करती है महादेव को प्रिय ये जड़ी-बूटी, औषधीय गुणों का है खजाना

Jatamansi benefits: जटामांसी एक औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटी है, जो महादेव को भी बेहद प्रिय है. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई रोगों के उपचार में किया जाता है. मुख्य रूप से ये हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है.

Jatamansi

औषधीय गुणों का खजाना है महादेव को प्रिय जटामांसी

Jatamansi benefits: आपने कई तरह के हर्ब्स यानी जड़ी बूटी देखा होगा जिसके अंदर औषधीय गुण शरीर को रोगों से बचाने में कारगर साबित होते हैं. इन्हीं में से एक महादेव को बेहद प्रिय जटामांसी का आयुर्वेद भी शामिल है. कई औषधीय गुणों से भरपूर जटामांसी हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है, जिनका उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. जटामांसी का वैज्ञानिक नाम नार्डोस्टैचिस जटामांसी है, जिसमें अनगिनत औषधीय गुण हैं और इसके इस्तेमाल से कई रोग छूमंतर हो जाते हैं. ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं भरपूर जटामांसी के फायदों के बारे में.

जटामांसी के फायदे और महत्व

आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रमोद आनंद तिवारी ने जटामांसी के गुणों उसके महत्व और फायदे पर बात की. उन्होंने कहा, ” जटामांसी का आयुर्वेद में खास स्थान है. यह कई रोगों को दूर भगाने में सहायक तो होता ही है इसके साथ ही यह उन लोगों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है, जो बालों के झड़ने, पतला होने या सफेद होने की समस्या से ग्रस्त हैं. जटामांसी का इस्तेमाल बालों के लिए वरदान से कम नहीं है. यह बालों को फिर से उगाने और उन्हें घना बनाने में भी फायदेमंद होता है.”

बालों के लिए वरदान

डॉक्टर प्रमोद ने बताया कि जटामांसी बालों के लिए एक अद्भुत उपचार है. यह बालों के गिरने, पतला होने या सफेद होने की समस्या को दूर करता है. जटामांसी का नियमित उपयोग बालों को फिर से घना और मजबूत बनाने में सहायक होता है.

मिर्गी में फायदेमंद

जटामांसी तंत्रिका तंत्र के लिए भी बेहद फायदेमंद है. यह मिर्गी, बेहोशी जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करता है. इसके सेवन से मस्तिष्क को शांति मिलती है और तनाव को कम किया जा सकता है.

याददाश्त बढ़ाने वाला हर्ब

भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) से ग्रस्त लोगों के लिए जटामांसी का उपयोग बहुत लाभकारी है. यह मानसिक स्पष्टता बढ़ाने में मदद करता है और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है.

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अनिद्रा की समस्या होगी दूर

आजकल की लाइफस्टाइल में नींद न आना एक सामान्य समस्या बन चुकी है. जटामांसी का सेवन इस समस्या का समाधान कर सकता है. यह नेचुरल रूप से नींद को सुधारता है और शरीर को आराम देता है.

पाचन और बीपी में सुधार

जटामांसी का उपयोग पाचन प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा यह बीपी को कंट्रोल करने और दिल की धड़कन को सामान्य रखने में भी मदद करता है.

त्वचा और श्वांस समस्याओं में मददगार

जटामांसी का तेल बालों के लिए ही नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी लाभकारी है. यह त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करता है और शरीर के तापमान को कंट्रोल करता है. इसके अलावा, श्वांस संबंधित समस्याओं के इलाज में भी यह प्रभावी होता है.

-भारत एक्सप्रेस 



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