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आखिर क्या होता है Vampire Facial, जिसको करवाने से तीन महिलाओं को हो गया HIV

Vampire Facial Side Effects: आइए जानते हैं कि आखिर ये वैम्पायर फेशियल कैसे होता है. साथ ही जानें इसे कराने वाला व्यक्ति कैसे एचआईवी संक्रमण का शिकार हो सकता है.

Vampire Facial Side Effects

Vampire Facial Side Effects

Vampire Facial: आजकल महिलाएं बुढ़ापे को छुपाने के लिए तरह-तरह के प्रोडक्ट्स और फेशियल करवातीं रहती हैं. वहीं कई लोग अपने उम्र को छुपाने के लिए अलग-अलग तरह की कॉस्मेटिक सर्जरी भी करवाते हैं. चेहरे को जवां बनाए रखने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसे वैम्पायर फेशियल का नाम भी दिया जाता है. बीते कुछ दिनों से ऐसे कई मामले सुनने को मिल रहे हैं. अब हाल ही में एक मामला आया है जहां स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि अमेरिका में एक ब्यूटी स्पा में “वैम्पायर फेशियल” के दौरान इस्तेमाल की गई सुइयों से तीन महिलाएं HIV की चपेट में आ गईं. दो को शुरुआती स्टेज में एचआईवी का पता चला था, जबकि तीसरे को एड्स हो गया था.

आइए जानते हैं कि आखिर ये वैम्पायर फेशियल कैसे होता है. साथ ही जानें इसे कराने वाला व्यक्ति कैसे एचआईवी संक्रमण का शिकार हो जाता है. इसके अलावा बचाव के लिए किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए. जानें…

जानें क्या है HIV का मामला

यह पहली बार है कि अमेरिकी अधिकारियों ने गंदे कॉस्मेटिक इंजेक्शनों से ब्लड बोर्न वायरस की चपेट में आने वाले लोगों के मामले दर्ज किए हैं. क्लिनिक की जांच में पाया गया कि 40 से 60 साल की उम्र के बीच की तीन महिलाओं में स्पा में “खराब संक्रमण कंट्रोल प्रथाओं” के कारण वायरस होने की संभावना है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र और न्यू मैक्सिको स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट के अनुसार, सभी चार महिलाओं को वैम्पायर फेशियल कराया गया था और इसके तुरंत बाद उन्हें एचआईवी हो गया.

जानें कैसे फैलता है ये वायरस

एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के असुरक्षित यौन संबंध, प्रेगनेंसी के दौरान सुई, सीरिंज या अन्य इंजेक्शन इक्विपमेंट्स यूज करने से गर्भ में पल रहे बच्चे तक भी पहुंच सकता है. बीमारी का यह चरण, जिसे पहली स्टेज एचआईवी के रूप में भी जाना जाता है, वायरस के शरीर में प्रवेश करने के लगभग दो से चार सप्ताह बाद होता है और फ्लू जैसा महसूस हो सकता है. तीसरी महिला को उसके चेहरे के चार साल बाद 2023 में निदान मिला, उस समय तक एचआईवी एड्स में विकसित हो चुका था.

एड्स होने का मतलब है कि इम्यूनिटी आपकी बहुत डैमेज हो गई है. प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (Platelet Rich Plasma ) को चेहरे पर दोबारा डालने से पहले एक सेंट्रीफ्यूज का यूज करके खून से अलग किया जाता है. जिन लोगों को हेपेटाइटिस सी, एचआईवी या एड्स, ब्लड कैंसर, स्किन कैंसर या ऐसी बीमारियां हैं जिनके लिए खून पतला करने वाली दवा लेने की जरूरत होती है, उनके लिए फेशियल की मनाही होती है.

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