
सनडे, हफ्ते का ऐसा दिन जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है. चाहे बुजुर्ग हो, जवान हो, बच्चा हो या महिला आमतौर पर हफ्ते के इस दिन का इंतजार रहता ही है. सनडे जिसे हिंदी में रविवार और कहीं-कहीं पर इसे इतवार भी कहा जाता है.
हफ्ते का ये दिन सभी के लिए अवकाश का दिन होता है जो बड़े-बुढ़े सभी के लिए खुशियां लेकर आता है. ये दिन सभी के लिए आराम मसे भरा हुआ होता है. शारीरिक आराम के साथ-साथ ये मानसिक आराम देता भी देता है. लेकिन आप क्या जानते है इसके पीछे की कहानी, अगर नहीं तो आइए जानते है.
सनडे की छुट्टी की शुरुआत/इतिहास
सनडे की छुट्टी की शुरुआत 7 मार्च , सन् 321 को “रोमन सम्राट कॉन्स्टेंटाइन फर्स्ट” ने एक नागरिक आदेश जारी कर रविवार को आराम का दिन घोषित किया, जिसमें कहा गया शहर के सभी लोग सूर्य के पवित्र दिन पर विश्राम करेंगे. बाद में ईसाई धर्म के लोगों ने सनडे को ईसा मसीह के पुनः उन्नति का दिन मान लिया जिसके बाद ये दिन आराम और पुजा का दिन हो गया.
भारत में इतवार का अवकाश
भारत में सनडे की छुट्टी का भी एक इतिहास है. इसकी शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल में हुई. हालांकि, इसकी शुरुआत साल 1843 में ही हो गई थी लेकिन ये अवकाश केवल रेलवे और डाक कर्मचारियों के लिए होता थी और मजदूरों को पूरे हफ्ते काम करना पड़ता था. नारायण मेघाजी लोखंडे उस समय श्रमिकों के नेता हुआ करते थे. मजदूरों की बुरी हालात देख उन्होंने ब्रिटिश सरकार को इसके बारे में सूचित किया लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इस निवेदन को खारिज कर दिया. जिसके बाद नारायण मेघाजी लोखंडे ने मजदूरों को इकट्ठा कर इसका सख्ती से विरोध किया और मजदूरों को इनका हक दिलवाने के लिए आंदोलन किया. जिसके बाद ब्रिटिश सरकार को मजदूरों के लिए भी सनडे की छुट्टी देनी पड़ी और सनडे पूर्ण रुप से सभी के लिए अवकाश का दिन बन गया.
सनडे का धार्मिक महत्व
हालांकि सनडे का दिन एक आधिकारिक अवकाश का दिन होता है पर इसके धार्मिक महत्व भी है. पंचांग के अनुसार ये दिन शुभ होता है और इसलिए कई समाजिक और धार्मिक कार्य इस दिन ही होते है. ईसाई धर्म में भी इस दिन को शुभ माना जाता है.
अपवाद
हालांकि, वैश्विक तौर पर सनडे को ही आधिकारिक रुप से अवकाश माना गया है लेकिन कई ऐसे भी देश है खासकर ईस्लामिक जो इसका अपवाद है. चूंकी इस्लाम में शुक्रवार को नमाज अदा करने की प्रथा है ऐसे में वहां पर रविवार की जगह शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश होता है.
– भारत एक्सप्रेस
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