हरिशंकर परसाई: गाय का ‘धर्म’ और राजनीति का ‘मर्म’ समझाने वाले व्यंग्यकार
प्रख्यात लेखक और व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई लिखते हैं कि निंदा में विटामिन और प्रोटीन होते हैं. निंदा खून साफ करती है, पाचन-क्रिया ठीक करती है, बल और स्फूर्ति देती है.
दिल्ली में ‘याद-ए-बिस्मिल्लाह’ का आयोजन, गीत-संगीत की प्रस्तुति से शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान को किया गया नमन
राजधानी दिल्ली स्थित संस्कार भारती में ‘याद-ए-बिस्मिल्लाह’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. भारत एक्सप्रेस समाचार चैनल ने इस आयोजन में सहयोग दिया.
‘आप यहां बनारस बना दीजिए…’, अमेरिका में बसने के प्रस्ताव पर बिस्मिल्लाह खान ने जो कहा वो सबको सुनना और जानना चाहिए
बिस्मिल्लाह खान की उम्र जब 6 साल ही थी तब वह शहनाई की शिक्षा के लिए वाराणसी अपने मामा अली बख्श के पास आ गए थे. उनके उस्ताद मामा काशी विश्वनाथ मंदिर में शहनाई बजाते थे. यहीं से उन्होंने शहनाई को अपना पहला प्यार बनाया.
इस्मत चुगताई; जानें क्यों मिला ‘अश्लील लेखिका’ और ‘लेडी चंगेज खान’ का तमगा? मर्दों की इज्जत को लेकर कही थी ये बड़ी बात, समलैंगिक रिश्तों पर भी चलाई कलम
उनकी किताब 'लिहाफ' को लेकर उन पर लाहौर कोर्ट में मुकदमा चला. इस्मत ने माफी नहीं मांगी. उन्होंने मुकदमा लड़ा और जीत हासिल की.
चिनार पुस्तक महोत्सव: देशभर के फिल्मकार, पत्रकार, कलाकार, लेखक, कवियों की शिरकत
चिनार पुस्तक महोत्सव में 'फिल्मों में कश्मीर' विषय पर बात करते हुए फिल्म निदेशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि मेरा कश्मीर से बहुत गहरा नाता है.
हिंदी साहित्य के एक ऐसे कवि, जिन्होंने अद्भुत लेखनी से शेक्सपीयर और मिल्टन को छोड़ दिया था पीछे; जानें कितनी भाषाओं का था ज्ञान?
सीमाओं और जातियों के बंधनों से दूर उन्होंने ऐसी कृतियां गढ़ी, जिनकी आज भी खूब प्रशंसा होती है.
Mithila Art – A 360-Degree Review: मिथिला कला की समग्र पुस्तक का लोकार्पण, मधुबनी की सांस्कृतिक धरोहर का व्यापक अध्ययन
बिहार की मिथिला कला को समझने में रुचि रखने वालों के लिए नई किताब ‘मिथिला आर्ट: ए 360 डिग्री रिव्यू’ एक महत्वपूर्ण संसाधन होगी. दिल्ली में इसका लोकार्पण किया गया.
सुभद्रा कुमारी चौहान: स्वतंत्रता आंदोलन में दिया अहम योगदान, कलम को बनाया हथियार
'खूब लड़ी मर्दानी, वह तो झांसी वाली रानी थी' जैसी कविताएं लिखने वाली सुभद्रा कुमारी चौहान 1921 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हुईं. वह नागपुर में गिरफ्तार होने वाली पहली महिला सत्याग्रही थीं.
‘भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है’, पढ़ें अटल बिहारी वायपेयी की कुछ चुनिंदा कविताएं
तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी एक कुशल वक्ता होने के साथ ही जाने-माने कवि भी थे. उनकी वाक्पटुता और भाषण की अद्भुत शैली लोगों को सम्मोहित कर देती थी.
साहित्य जगत के दो नक्षत्र- मनोहर श्याम जोशी और शिवपूजन सहाय, जिन्होंने अपनी लेखनी से सामाजिक कुरीतियों पर की चोट
प्रख्यात लेखक मनोहर श्याम जोशी को ने भारतीय टेलीविजन पर धारावाहिकों के युग की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है. शिवपूजन सहाय हिंदी के उन चंद लेखकों में से एक थे, जिन्होंने भोजपुरी क्षेत्र की स्थानीय बोलियों और मुहावरों का इस्तेमाल अपनी लेखनी में किया.