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कला-साहित्य

बिहार की मिथिला कला को समझने में रुचि रखने वालों के लिए नई किताब ‘मिथिला आर्ट: ए 360 डिग्री रिव्यू’ एक महत्वपूर्ण संसाधन होगी. दिल्ली में इसका लोकार्पण किया गया.

'खूब लड़ी मर्दानी, वह तो झांसी वाली रानी थी' जैसी कविताएं लिखने वाली सुभद्रा कुमारी चौहान 1921 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हुईं. वह नागपुर में गिरफ्तार होने वाली पहली महिला सत्याग्रही थीं.

तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी एक कुशल वक्ता होने के साथ ही जाने-माने कवि भी थे. उनकी वाक्पटुता और भाषण की अद्‌भुत शैली लोगों को सम्मोहित कर देती थी.

प्रख्यात लेखक मनोहर श्याम जोशी को ने भारतीय टेलीविजन पर धारावाहिकों के युग की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है. शिवपूजन सहाय हिंदी के उन चंद लेखकों में से एक थे, जिन्होंने भोजपुरी क्षेत्र की स्थानीय बोलियों और मुहावरों का इस्तेमाल अपनी लेखनी में किया.

नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर 20वीं सदी के शुरुआत में बंगाल और पूरे भारत में एक प्रमुख लेखक, कवि और कलाकार के साथ-साथ दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं.

प्रख्यात रचनाकार भीष्म साहनी का जन्म 8 अगस्त 1915 को रावलपिंडी (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था. अपनी अद्भुत लेखनी के दम पर उन्होंने समाज के हर चेहरे को अपने नाटकों, कहानियों और उपन्यासों में उतारा.

Krishna Kala Foundation: दिल्ली के जनपथ स्थित सभागार में शिव-पार्वती विवाह नृत्य नाटिका का सुन्दर आयोजन संपन्न हुआ. कार्यक्रम में कृष्ण कला फाउन्डेशन की अध्यक्ष डॉ अनु सिन्हा के मार्गदर्शन में देश के कई चुनिंदा नृत्य एवं थियेटर कलाकार भाग लिए.

महाकवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त, 1886 को झांसी के चिरगांव में हुआ था. वह आधुनिक हिन्दी के सबसे महत्वपूर्ण कवियों में से एक थे.

मुंशी प्रेमचंद ने अपने लेखन से समाज और देश को जागरूक करने का काम किया. उन्होंने साल 1905 में ‘जमाना’ नाम के पत्र में पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता गोपाल कृष्ण गोखले पर एक लेख लिखा.

सेंट्रल दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में भारी बारिश के दौरान एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन स्टूडेंट्स की बीते 27 जुलाई को दर्दनाक मौत हो गई थी.