शरद जोशी: समाज, सरकार और सिस्टम पर व्यंग्य बाण चलाने वाला अनूठा साहित्यकार
व्यंग्यकार शरद जोशी ने अपनी एक किताब में लिखा है कि चुने हुए मुख्यमंत्रियों की तीन जात होती हैं. एक तो काबिलियत से चुने जाते हैं, दूसरे वे जो गुट, जाति, रुपयों आदि के दम जीतते हैं और तीसरे वे, जो कोई विकल्प न होने की स्थिति में चुन लिए जाते हैं.
निकोलाय कोन्स्तांतीनोविच रेरिख: भारत-रूस मैत्री के प्रतीक
भारत महान रूसी कलाकार, विचारक, लेखक, कवि और दार्शनिक निकोलाय कोन्स्तांतीनोविच रेरिख के दिल के बहुत करीब था, जो उनके रचनात्मक कार्यों में अलग से झलकता है.
शास्त्रीय संगीत के दुनिया में उस्ताद विलायत खान जैसा कोई दूसरा न हुआ, इस वजह से तीन बार ठुकराया था पद्म सम्मान
उस्ताद विलायत खान पिछले 60 वर्षों में भारतीय शास्त्रीय संगीत की सबसे महान हस्तियों में से एक थे. अपने सितार वादन में गायन शैली को अपनाने ने उन्हें काफी शोहरत दिलाई.
मथुरा: कृष्ण जन्मोत्सव पर प्रख्यात कथक नृत्यांगना डॉ. यास्मीन सिंह की शानदार प्रस्तुति ने किया भावविभोर
भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्मोत्सव समारोह के अवसर पर मथुरा के पाञ्चजन्य प्रेक्षागृह में गीता पर आधारित एक नृत्य नाट्य प्रस्तुति का आयोजन किया गया था.
हरिशंकर परसाई: गाय का ‘धर्म’ और राजनीति का ‘मर्म’ समझाने वाले व्यंग्यकार
प्रख्यात लेखक और व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई लिखते हैं कि निंदा में विटामिन और प्रोटीन होते हैं. निंदा खून साफ करती है, पाचन-क्रिया ठीक करती है, बल और स्फूर्ति देती है.
दिल्ली में ‘याद-ए-बिस्मिल्लाह’ का आयोजन, गीत-संगीत की प्रस्तुति से शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान को किया गया नमन
राजधानी दिल्ली स्थित संस्कार भारती में ‘याद-ए-बिस्मिल्लाह’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. भारत एक्सप्रेस समाचार चैनल ने इस आयोजन में सहयोग दिया.
‘आप यहां बनारस बना दीजिए…’, अमेरिका में बसने के प्रस्ताव पर बिस्मिल्लाह खान ने जो कहा वो सबको सुनना और जानना चाहिए
बिस्मिल्लाह खान की उम्र जब 6 साल ही थी तब वह शहनाई की शिक्षा के लिए वाराणसी अपने मामा अली बख्श के पास आ गए थे. उनके उस्ताद मामा काशी विश्वनाथ मंदिर में शहनाई बजाते थे. यहीं से उन्होंने शहनाई को अपना पहला प्यार बनाया.
इस्मत चुगताई; जानें क्यों मिला ‘अश्लील लेखिका’ और ‘लेडी चंगेज खान’ का तमगा? मर्दों की इज्जत को लेकर कही थी ये बड़ी बात, समलैंगिक रिश्तों पर भी चलाई कलम
उनकी किताब 'लिहाफ' को लेकर उन पर लाहौर कोर्ट में मुकदमा चला. इस्मत ने माफी नहीं मांगी. उन्होंने मुकदमा लड़ा और जीत हासिल की.
चिनार पुस्तक महोत्सव: देशभर के फिल्मकार, पत्रकार, कलाकार, लेखक, कवियों की शिरकत
चिनार पुस्तक महोत्सव में 'फिल्मों में कश्मीर' विषय पर बात करते हुए फिल्म निदेशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि मेरा कश्मीर से बहुत गहरा नाता है.
हिंदी साहित्य के एक ऐसे कवि, जिन्होंने अद्भुत लेखनी से शेक्सपीयर और मिल्टन को छोड़ दिया था पीछे; जानें कितनी भाषाओं का था ज्ञान?
सीमाओं और जातियों के बंधनों से दूर उन्होंने ऐसी कृतियां गढ़ी, जिनकी आज भी खूब प्रशंसा होती है.