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क्या है फेफड़े की खतरनाक बीमारी IPF, जिसके कारण हुआ Zakir Hussain का निधन

अगर आप धूम्रपान करते हैं या आपके परिवार का कोई सदस्य इस बीमारी से ग्रस्त रह चुका है तो बीमारी की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है.

जाकिर हुसैन. (फाइल फोटो: IANS)

Zakir Hussain Passes Away: देश के महान तबला वादक जाकिर हुसैन ने 73 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया. ‘उस्ताद’ फेफड़े की खतरनाक बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) से पीड़ित थे. इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानते हैं.

इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) एक गंभीर क्रॉनिक बीमारी है. आईपीएफ से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है. आईपीएफ फेफड़ों में वायुकोषों या एल्वियोली के आस-पास के ऊतकों को प्रभावित करती है. फेफड़ों के ऊतक मोटे और कठोर हो जाते हैं और समय के साथ ये समस्याएं बढ़ती जाती हैं. फिर एक समय ऐसा आता है, जब फेफड़ों में स्थायी निशान बन जाता है, जिसे फाइब्रोसिस कहा जाता है, जिससे सांस लेना धीरे-धीरे मुश्किल हो जाता है.

अगर आप धूम्रपान करते हैं या आपके परिवार का कोई सदस्य इस बीमारी से ग्रस्त रह चुका है तो बीमारी की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है. कम उम्र की तुलना में यह बड़े उम्र के लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है.

क्या हैं लक्षण

आईपीएफ के लक्षण पर नजर डालें तो सबसे बड़ा लक्षण है, सांस लेने में तकलीफ और खांसी का आना. स्थिति गंभीर होने पर सांस लेने में असमर्थता और हाई ब्लड प्रेशर भी शामिल है. संभवत: शुरुआत में कुछ लोगों में यह लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, मगर जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती जाती है, लक्षण बढ़ने के साथ ही हालत और भी खराब हो सकती है.


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IPF के बढ़ने का तरीका हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है और निशान धीरे-धीरे या तेजी से पड़ सकते हैं. कुछ लोगों में बीमारी सालों तक एक जैसी ही रहती है. दूसरे लोगों में स्थिति जल्दी खराब हो जाती है. IPF से पीड़ित कई लोगों को एक्यूट एक्ससेर्बेशन के रूप में भी जाना जाता है, जहां लक्षण अचानक बहुत गंभीर हो जाते हैं.

IPF की अन्य जटिलताओं में पल्मोनरी हाइपरटेंशन और श्वसन विफलता (Respiratory Failure) शामिल है, जो तब होता है जब फेफड़े बिना सहारे के रक्तप्रवाह में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाते हैं. यह मस्तिष्क और अन्य अंगों को आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त करने से रोकता है.

कोई इलाज नहीं

जानकारी के अनुसार वर्तमान में आईपीएफ का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, कुछ उपचार आईपीएफ की प्रगति को धीमा कर सकते हैं और फेफड़ों को बेहतर काम करने में मदद कर सकते हैं. सही खानपान, व्यायाम और प्रदूषण से बचाव करके भी रोगी की दिनचर्या को सही किया जा सकता है. इन आसान सी चीजों के साथ रोग से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है. इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित उस्ताद जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को में इलाज चल रहा था, जहां स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर उन्हें बचाने में असफल रहे और उन्होंने दम तोड़ दिया.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस



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