पेरिस में ओलंपिक 2024 खेला जा रहा है. आज का दिन (7 अगस्त) ओलंपिक इतिहास के लिए खास है. साल 1948 में 7 अगस्त के दिन ही दो बच्चों की 30 वर्षीय मां ने लंदन में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में चार स्वर्ण पदक अपने नाम किये थे, जबकि वह उस समय गर्भवती थीं और अपने तीसरे बच्चे की मां बनने वाली थीं. ऐसे समय में प्रतिस्पर्धा करते हुए जब कई लोग महिला एथलेटिक्स की उपेक्षा करते थे, यह अद्भुत उपलब्धि एक डच एथलीट फैनी ब्लैंकर्स-कोएन (Fanny Blankers-Koen) ने हासिल की, जिनके प्रदर्शन ने उन्हें ‘फ्लाइंग हाउसवाइफ’ उपनाम दिया गया.
काफी चुनौतीपूर्ण था खेल को चुनना
26 अप्रैल 1918 को लागे वुर्शे में अर्नोल्डस और हेलेना कोएन के घर जन्मीं, खेल ब्लैंकर्स-कोएन के खून में था और उनके पिता एक सरकारी अधिकारी थे, जिन्होंने शॉट पुट और डिस्कस में भी प्रतिस्पर्धा की थी. एक किशोर के रूप में ब्लैंकर्स-कोएन को टेनिस, तैराकी, जिमनास्टिक, आइस स्केटिंग, तलवारबाजी और दौड़ का शौक था. छह फीट लंबी वह एक स्वाभाविक एथलीट थीं, लेकिन उनके लिए यह तय करना चुनौतीपूर्ण था कि कौन सा खेल चुना जाए.
अपने तैराकी कोच की ओर से तैराकी में प्रतिस्पर्धा न करने की सलाह दिए जाने के बाद क्योंकि उस समय नीदरलैंड में पहले से ही शीर्ष तैराक मौजूद थे, ब्लैंकर्स-कोएन ट्रैक पर उतरीं और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया.
17 की उम्र में शुरुआत
1935 में मात्र 17 वर्ष की उम्र में वह ट्रैक पर उतरीं. अपनी तीसरी दौड़ में उन्होंने 800 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था. एक साल बाद उन्होंने बर्लिन में 1936 ओलंपिक के लिए ऊंची कूद और 4×100 मीटर रिले दोनों में ट्रायल में क्वालीफाई किया. हालांकि वह अपनी स्पर्धाओं में पदक नहीं जीत पाईं, लेकिन उन्हें अपने नायक अफ्रीकी-अमेरिकी ट्रैक स्टार जेसी ओवेन्स से मिलने का मौका मिला, जिनके नाम चार स्वर्ण पदक जीतने का रिकॉर्ड था. लंदन ओलंपिक 1948 में ब्लैंकर्स-कोएन ने उनके रिकॉर्ड की बराबरी की थीं. तब उन्होंने कहा था कि यह उनकी सबसे ‘मूल्यवान ओलंपिक स्मृति’ रहेगी.
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-भारत एक्सप्रेस
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