Bharat Express

क्या आपको पता है ब्रह्मांड में कितने आयाम हैं और किसमें रहते हैं भगवान?

वैज्ञानिक मानते हैं कि हमारे ब्रह्मांड का आधार विभिन्न आयाम हैं, और ये आयाम ही हमारे अस्तित्व का मूलभूत ढांचा बनाते हैं.

प्रतीकात्मक चित्र

हमारा ब्रह्मांड (Universe) कैसे बना? इस सवाल का जवाब विज्ञान और विभिन्न सिद्धांतों के जरिए समझने की कोशिश की गई है. वैज्ञानिक मानते हैं कि हमारे ब्रह्मांड का आधार विभिन्न आयाम (Dimension) हैं, और ये आयाम ही हमारे अस्तित्व का मूलभूत ढांचा बनाते हैं. विज्ञान के अनुसार, हमारे ब्रह्मांड में कुल 11 आयाम या डाइमेंशन्स मौजूद हैं, जो हमारे चारों ओर की हर घटना को संभव बनाते हैं. समय यात्रा (Time Travel), समानांतर ब्रह्मांड (Parallel Universe) और कई रहस्यमयी चीजें इन्हीं आयामों के माध्यम से समझाई जा सकती हैं. आइए, इन आयामों को सरल शब्दों में समझें.

पहला आयाम – एकल रेखा
पहला आयाम एकल रेखा का होता है, जिसमें किसी वस्तु या जीव के पास केवल दो दिशाओं में चलने का विकल्प होता है, जैसे केवल आगे या पीछे. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि एक लाइन पर बिंदु आगे या पीछे ही जा सकता है.

दूसरा आयाम – सतह (Plane)
दूसरा आयाम एक समतल सतह का होता है, जिसमें एक जीव आगे-पीछे और दाएं-बाएं जा सकता है. इस आयाम में चौड़ाई और लंबाई का दोनों होता है, लेकिन गहराई या ऊंचाई नहीं होती. यह एक कागज जैसा है जिस पर चित्र बने होते हैं. इसको प्लेन भी कहते हैं.

तीसरा आयाम – हमारी दुनिया
तीसरा आयाम वह है जिसमें हम रहते हैं. यहाँ हम आगे, पीछे, दाएं, बाएं, ऊपर और नीचे सभी दिशाओं में जा सकते हैं. इसी आयाम को त्रिआयामी (Three Dimensional) दुनिया कहा जाता है, जिसमें हर वस्तु की लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई होती है.

चौथा आयाम – समय का अस्तित्व
चौथा आयाम समय का है, जो हमारे जीवन को एक रेखा की तरह वर्तमान से भविष्य की ओर बढ़ाता है. इसमें हम आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन भूतकाल में लौटना संभव नहीं होता. इसे समय का आयाम कहा जाता है, जो हमारे जीवन को जन्म से मृत्यु की ओर ले जाता है. चौथे आयाम को कोई भी बदल नहीं सकता.

पांचवां आयाम – समानांतर ब्रह्मांड (Parallel Universe)
पांचवा आयाम समानांतर ब्रह्मांडों का द्वार खोलता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारे ब्रह्मांड के अलावा भी अनगिनत ब्रह्मांड हो सकते हैं, जहां हमारे जैसे ही लोग और घटनाएं हो सकती हैं. पांचवे आयाम में अन्य ब्रह्मांडों को देख पाना संभव है, लेकिन उनके साथ कोई संपर्क या बदलाव संभव नहीं होता.

छठा आयाम – समय यात्रा और नियंत्रण
छठे आयाम में न केवल समय में आगे-पीछे जाने की क्षमता होती है, बल्कि समय की रेखा में बदलाव भी संभव होता है. यहाँ समय में यात्रा की जा सकती है और अतीत में बदलाव भी किया जा सकता है. यह आयाम समय को नियंत्रित करने का विशेषाधिकार प्रदान करता है.

सातवां आयाम – सभी ब्रह्मांडों का नियंत्रण
सातवें आयाम में सभी पहले छह आयामों को नियंत्रित करने की शक्ति होती है. इस आयाम के लोग अन्य समानांतर ब्रह्मांडों में जाने की क्षमता रखते हैं और उन्हें देख सकता है. हालांकि, इन ब्रह्मांडों में बदलाव करना अभी भी संभव नहीं होता, बल्कि केवल उन्हें देखा जा सकता है.

आठवां आयाम – समानांतर ब्रह्मांडों में बदलाव
आठवां आयाम विभिन्न ब्रह्मांडों में जाने और वहां बदलाव करने की क्षमता प्रदान करता है. हालांकि, ये बदलाव केवल उन्हीं ब्रह्मांडों में किए जा सकते हैं जिनकी समयरेखा (Timeline) हमारे ब्रह्मांड से मिलती-जुलती हो.

नौवां आयाम – सभी संभावित ब्रह्मांडों का अस्तित्व
नौवां आयाम सभी संभावित ब्रह्मांडों का आयाम है, जहां किसी भी समयरेखा या घटनाक्रम की बाध्यता नहीं होती. यहां विभिन्न ब्रह्मांडों में जाकर बदलाव करना संभव होता है, लेकिन इसका प्रभाव अपने मूल ब्रह्मांड पर भी पड़ सकता है।

दसवां आयाम – सभी संभावनाओं का स्रोत
दसवां आयाम सभी संभावनाओं और घटनाओं का स्रोत है. यहां सभी संभावनाएं, समय रेखाएं और घटनाएं एक साथ विद्यमान होती हैं. इस आयाम में मौजूद व्यक्ति किसी भी ब्रह्मांड का अतीत या भविष्य बदल सकता है. यहां की शक्तियां असीमित होती हैं और यह आयाम अमरता का प्रतीक माना जाता है.

ग्यारहवां आयाम – ब्रह्मांड के रचनाकार का घर
ग्यारहवां आयाम ब्रह्मांड का रचनाकार और सभी संभावनाओं का मूल स्रोत माना जाता है. यह वह स्थान है जहां से हर चीज की उत्पत्ति होती है. विज्ञान के अनुसार, इसे उस शक्ति का स्थान माना जा सकता है जिसे हम परमेश्वर या भगवान के रूप में जानते हैं. यहां से सभी ब्रह्मांड, समय, और घटनाओं का संचालन होता है.

ये 11 आयाम हमारे ब्रह्मांड के अनगिनत रहस्यों को खोलने की चाबी हैं.इनका अध्ययन आज भी विज्ञान के लिए एक बड़ा विषय बना हुआ है.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read