आज से शारदीय नवरात्रि शुरू
इस साल 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होंगी और 5 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. भारत में नवरात्रि का पर्व बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है. देश के कई राज्यों में इसे काफी जोर-शोर से मनाया जाता है. फिर चाहे बात गुजरात के गरबा की करे, बंगाल की दुर्गा पूजा की या कुल्लू के दशहरे की करे. इसके अलावा राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि में लोग भक्ति भाव से मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं, 9 दिन तक व्रत करते हैं. इसके लिए नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हैं. तो आइए जानते हैं नवरात्रि क्यों मनाई जाती है.
नवरात्रि पर्व की मान्यताएं
नवरात्रि पर्व मनाए जाने के पीछे कई तरह की मान्यताएं है लेकिन इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित पौराणिक मान्यता के मुताबिक यह महिषासुर नाम के दैत्य और मां दुर्गा द्वारा उसके संहार के चलते मनाया जाता है. पौराणिक कहानी के मुताबिक महिषासुर नाम के दैत्य को ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मिला था. इस कारण वह देवताओं को खूब परेशान करता था. एक बार महिषासुर के अत्याचार से परेशान होकर सभी देवता भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा जी के पास गए. तब उन्होंने आदि शक्ति को पुकारा और तभी एक तेज प्रकट हुआ जो कि नारी के रूप में बदल गया. यह कोई और नही देवी दुर्गा थीं. देवी दुर्गा ने महिषासुर को ललकारा और उनके बीच 9 दिन तक भयंकर युद्ध चला. 10 वें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था. मान्यता है कि इन 9 दिनों के दौरान देवताओं ने रोज देवी की पूजा-अर्चना कर उन्हें बल प्रदान किया था. तब से ही नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है और इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. साथ ही 10वें दिन देवी दुर्गा की जीत के चलते विजयादशमी के रूप में मनाते है.
दशहरे से जुड़ी एक और कथा
इसके साथ ही नवरात्रि और दशहरे से जुड़ी एक और कथा प्रचलित है. यह कथा है भगवान राम के द्वारा लंका के राजा रावण के वध की. रावण से युद्ध करने से पहले भगवान श्रीराम ने 9 दिन तक मां दुर्गा का अनुष्ठान करके आर्शीवाद प्राप्त किया था और फिर 10वें दिन रावण का वध किया था. इस वजह से 9 दिन तक मां दुर्गा की आराधना करने के बाद रावण दहन करके दशहरा मनाई जाती है.
-भारत एक्सप्रेस
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