माघ स्नान
Snan Tithi: धार्मिक महत्व के लिहाज से माघ मास में सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. इस पूरे माह में स्नान और दान को विशेष तौर पर फलदायी बताया गया है. इसके अलावा इस माह में लोग कल्पवास भी रहते हैं.
पौष पूर्णिमा के दिन से माघ स्नान आरंभ हो जाता है. वहीं इसका समापन महाशिवरात्रि के पावन दिन होता है. इस माह पड़ने वाली कुछ खास तिथियां ऐसी हैं, जिस दिन स्नान, दान और पूजा पाठ का विशेष महत्व है.
मकर संक्रांति
ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति के दिन स्नान की महिमा काफी अधिक है. इस दिन 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर इसी दिन शाम 05 बजकर 46 मिनट तक मकर संक्रांति का पुण्यकाल रहेगा. इस दौरान स्नान, दान और अन्य धार्मिक कार्यों को करना अत्यंत शुभ माना गया है.
मौनी अमावस्या
इस माह में मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज समेत तमाम गंगा जैसी पवित्र नदियों के किनारे स्थित धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है. इस साल मौनी अमावस्या तिथि की शुरुआत 21 जनवरी शनिवार के दिन सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर होगी.
वहीं इसका समापन 22 जनवरी रविवार को सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर होगा.
माघी पूर्णिमा
माघी पूर्णिमा तिथि का आरंभ इस बार 04 फरवरी को 09 बजकर 29 मिनट से हो जाएगा. वहीं इसका समापन 5 फरवरी रविवार के दिन 11 बजकर 58 मिनट पर होगा. इस दौरान स्नान और अन्य धार्मिक कार्य विशेष तौर पर फलदायी होंगे.
महाशिवरात्रि
स्नान के लिए इस साल 18 फरवरी दिन शनिवार को पड़ने वाली शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है. इस दिन शिवरात्रि तिथि रात 08 बजकर 02 मिनट से आरंभ हो जाएगी. महा शिवरात्रि के दिन स्नान करना विशेष तौर पर फलदायी माना गया है.
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प्रयागराज में स्नान का विशेष महत्व
माघ महीने में प्रयागराज में लगने वाले मेले का विशेष महत्व है. देश के कोने-कोने से लोग कल्पवास करने और नहान करने के लिए प्रयागराज में आते हैं. माघ मास के इस मेले में न केवल देश बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं. संगम पर तीनों नदियों के पवित्र जल के कारण माना जाता है कि यहां पर स्नान करने का अत्यधिक पुण्य लाभ मिलता है.