Bhadrapada 2023: सावन के महीने का आज अंतिम दिन है. इसके बाद कल यानी 31 सितंबर से भाद्रपद का महीना शुरु हो जाएगा. माना जाता है कि सावन का महीना शिवजी तो भाद्रपद महीने में भगवान श्रीकृष्ण की उपासना का विशेष महत्व है.
सावन के समापन के साथ ही भाद्रपद या भादो माह की शुरुआत हो जाती है. इसी महीने में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया जाता है. धार्मिक दृष्टिकोण से खास माने जाने वाले इस महीने में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण अवतार की उपासना से जीवन में चली आ रही परेशानियों से राहत मिलती है.
हिंदू कैलेंडर का 6वां महीना
हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन 5वां तो भाद्रपद वर्ष का 6वां महीना होता है. भाद्रपद को भादो, भाद्रव और भाद्र नामों से भी जाना जाता है. साल 2023 में भोदो माह का आरंब 01 सितंबर 2023 से हो रहा है. वहीं यह 29 सितंबर 2023 तक रहेगा.
लड्डू गोपाल और शंख की स्थापना
भाद्रपद के महीने में पवित्र स्नान, दान और व्रत रखने से लाभ होता है. इस पूरे महीने में धार्मिक दृष्टि से कई खास व्रत और त्योहार पड़ते हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधा जन्मोत्सव, भगवान गणेश महोत्सव, कजरी तीज, अनंत चतुर्दशी, विश्वकर्मा जयंती, कुश की अमावस्या जैसे त्योहार भी पड़ते हैं. वहीं भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में भाद्रपद माह में घर पर लड्डू गोपाल और शंख की स्थापना करना अति उत्तम माना गया है. भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए इस महीने श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना भी बहुत शुभ होता है.
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संतान की प्राप्ति की कामना
इससे जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. संतानहीन दंपत्तियों के लिए संतान प्राप्ति की कामना हेतु इस माह विशेष पूजा की जाती है. इसके लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर संतान गोपाल मंत्र का जाप करने और हरिवंश पुराण का पाठ करने या सुनने का विधान है. हालांकि भाद्रपद मास में कई मांगलिक कार्यों को करना वर्जित माना जाता है. इनमें नए घर का निर्माण, गृह प्रवेश और शादी जैसे कार्यों पर रोक रहती है. वहीं भादो में दही, गुड़ और इससे बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
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