चाणक्य.
Chanakya Niti: चाणक्य की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. चाणक्य नीत में आचार्य चाणक्य जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे हैं. उन्होंने कामयाबी के लिए भी कई नीतियों की चर्चा चाणक्य नीति में किया है. चाणक्य की नीतियों को जीवन में उतारने पर कई प्रकार की परेशानियों से बाहर निकला जा सकता है. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में एक श्लोक का उल्लेख किया है. जिससे माध्यम से उन्होंने लोगों को यह सलाह दी है कि तीन चीजों से ना तो ज्यादा दूरी और न ही अधिक नजदीकी रखनी चाहिए. आइए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य किन 3 चीजों से पर्याप्त दूरी बनाकर रखने की सलाह दी है.
श्लोक
अत्यासन्ना विनाशाय दूरस्था न फलप्रदाः
सेवितव्यं मध्याभागेन राजा बहिर्गुरूः स्त्रियंः
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने तीन चीजों के ना ज्यादा नजदीक जाने के लिए कहा है और ना ही दूरी बनाकर रखने के लिए कहा है. आचार्य चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को आर्थिक और सामाजिक रूप से शक्तिशाली, महिला और आग के बहुत नजदीक नहीं जाना चाहिए. यानी इन तीनों से उचित दूरी बनाकर रखना चाहिए. इसके अलावा चाणक्य यह भी कहते हैं कि इन तीनों से दूर भी नहीं रहना चाहिए.
शक्तिशाली इंसान
चाणक्य के मुताबिक, आर्थिक और समाजिक रूप से शक्तिशाली लोगों से नजदीकी रखने पर सम्मान को ठेस पहुंचने के साथ-साथ षडयंत्र का दंड का भी शिकार होना पड़ सकता है. जबकि, इनसे दूरी बनाने पर उनसे मिलने वाले लाभ भी प्राप्त नहीं होता.
आग
आग को लेकर चाणक्य का कहना है कि अग्नि से अधिक दूर होने पर अन्य प्रकार के लाभ जरूर होंगे लेकिन इसके ज्यादा नजदीक जाने पर शरीर के अंग जल सकते हैं.
महिला
आचार्य चाणक्य ने महिला को लेकर कहा है कि महिला के ज्यादा नजदीकी बनाने पर इंसान को ईर्ष्या और ज्यादा दूरी बनाने पर नफरत हासिल होता है. इसके अलावा चाणक्य यह भी कहते हैं कि महिला को कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इस सृष्टि के निर्माण में जितना हाथ पुरुष का होता है उतना ही स्त्री का भी होता है.
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