दान करने का सही तरीका
Daan Ka Fal: पुराणों में दान को सबसे अधिक पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है. यह भी कहा जाता है कि आदमी को अपनी आमदनी का एक हिस्सा जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. इसके अलावा अमावस्या और पूर्णिमा पर भी दान दिया जाता है. दान में धन के अलावा कई दूसरी चीजों को भी देने का विधान है. बावजूद इसके कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जिनका दान सही नहीं माना जाता है. अगर आप इन्हें किसी को देते हैं तो इसके विपरीत फल देखने को मिल सकते हैं. इसलिए इस बात की जानकारी होना चाहिए कि किसका दान करना है और किसका नहीं.
ऐसे लोगों को न करें दान
धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि दान किसी योग्य व्यक्ति को ही करना चाहिए. यानी कि जो उसके लायक हो. किसी को यूंही दान करने से उसका फल मिलें यह जरूरी नहीं. इसके अलावा किसी लालची व्यक्ति को भी दान नहीं देना चाहिए. ऐसा शख्स इन चीजों को बेच भी सकता है. जबकि दान जिसको दिया जाता है, अगर वह उस चीज का उपयोग करता है, तभी दान का लाभ मिलता है. इसके अलावा किसी को बिना उपयोग वाली चीजें भी दान नहीं करना चाहिए. क्योंकि उपयोग न होने पर वह किसी कबाड़ की तरह हो जाएगी और वह व्यक्ति आपको कुछ उल्टा सीधा भी कह सकता है. कुल मिलाकर दान दी गई वस्तु में दोनों की नीयत के अनुसार ही उसका लाभ मिलता है.
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इन लोगों को करना होगा यह उपाय
कुंडली में गुरु के सप्तम भाव में होने पर भी दान देते समय कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए. ऐसे लोगों को कभी भी अपने हाथ से नए कपड़ों का दान नहीं करना चाहिए.
अन्न देते समय रखें ध्यान
अन्न का दान महादान माना गया है. ऐसे लोगों पर मां अन्नपूर्णा की कृपा सदैव बनी रहती है. वहीं यह भी देखने में आता है कि कुछ लोग भूख से व्याकुल इंसान के सामने किसी भी तरह का भोजन रख देते हैं. इस तरह का दान उचित नहीं माना जाता और इसके विपरीत फल देखने को मिलते हैं. मां लक्ष्मी भी उस घर में रहना उचित नहीं समझती और जल्द ही उस घर में दरिद्रता का वास होने लगता है. इसलिए दान करते समय नियत के साथ इन बातों का ख्याल रखना भी आवश्यक है.
-भारत एक्सप्रेस
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