होलिका दहन
Holashtak 2023: हिन्दू धर्म में फाल्गुन महीने में पड़ने वाले होली के त्योहार के दिन खूब धूम रहती है. परंपरा के अनुसार होलिका दहन के अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा को होली का त्योहार मनाया जाता है.
होलिका दहन से 8 दिन पहले होलाष्टक
ज्योतिष के अनुसार होलिका दहन से 8 दिन पहले से होलाष्टक आरंभ हो जाता है. यह समय अवधि कई कार्यों के लिए शुभ नहीं होता है. इस दौरान कई प्रकार के मांगलिक कार्यों को करना वर्जित रहता है. 8 दिन तक चलने वाले इस होलाष्टक का समापन होलिका दहन के साथ होता है.
होलाष्टक के 8 दिनों की अवधि में कुछ विशेष नियमों का पालन करने की भी मान्यता है. आइए जानते हैं कि कब से शुरू हो रहा है होलाष्टक और इस दौरान किन बातों का रखना चाहिए ध्यान.
इस दिन है होलाष्टक
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 06 मार्च को दिन दोपहर में 2 बजकर 47 मिनट पर हो रही है, वहीं इसका समापन 07 मार्च शाम 04:39 पर होगा. इसके अनुसार होलिका दहन 07 मार्च को किया जाएगा ऐसे में होलाष्टक का आरंभ 28 फरवरी से होते हुए इसका समापन 07 मार्च मंगलवार को होगा.
होलाष्टक के दौरान ये नियमों का पालन जरूरी
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार होलाष्टक की अवधि में जनेऊ, विवाह, मुंडन समेत 16 संस्कारों और सभी मांगलिक कार्यों पर पाबंदी लग जाती है. इसके अलावा इस अवधि में किसी भी प्रकार की चल-अचल संपत्ति, वाहन और आभूषण खरीदना शुभ नहीं माना जाता है. ऐसा करने पर इनके अशुभ प्रभाव में वृद्धि हो जाती है.
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करियर और व्यापार पर पड़ता है असर
इसके अलावा करियर में भी कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है. ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि होलाष्टक की अवधि में नौकरी बदलने से भी परहेज करना चाहिए. होलाष्टक का अशुभ या नकारात्मक प्रभाव कार्यक्षेत्र पर भी पड़ सकता है.
करियर के अलावा व्यापार में भी होलाष्टक के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. इन आठ दिनों में व्यवसाय में भी कोई नया उद्यम नहीं शुरू करना चाहिए. अगर ऐसा करते हैं तो व्यापार में इससे नुकसान होने की आशंका बनी रहती है.
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