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Holika Dahan: इन लोगों को भुलकर भी नहीं देखनी चाहिए होलिका दहन की आग, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान!

Holika Dahan 2025: होलिका दहन को लेकर कई मान्यताएँ प्रचलित हैं. उनमें से एक मान्यता यह भी है कि कुछ विशेष व्यक्तियों को होलिका दहन की अग्नि देखने से बचना चाहिए, क्योंकि इसका उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

Holika Dahan 2025

Holika Dahan 2025: होली का पावन पर्व 14 मार्च को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा. रंगों के इस त्योहार को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहता है. होली से एक दिन पहले, 13 मार्च को होलिका दहन किया जाता है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.

होलिका दहन को लेकर कई मान्यताएँ प्रचलित हैं. उनमें से एक मान्यता यह भी है कि कुछ विशेष व्यक्तियों को होलिका दहन की अग्नि देखने से बचना चाहिए, क्योंकि इसका उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि किन लोगों को होलिका दहन की अग्नि देखने से परहेज करना चाहिए.

किन लोगों को होलिका दहन की आग देखने से बचना चाहिए?

1. गर्भवती महिलाएं

धार्मिक मान्यता के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को होलिका दहन की अग्नि देखने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इसका नकारात्मक प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है. बच्चे को बुरी शक्तियों से सुरक्षित रखने के लिए गर्भवती महिलाओं को इस समय सावधानी बरतनी चाहिए.

2. नवजात शिशु और छोटे बच्चे

नवजात शिशु और छोटे बच्चों को भी होलिका दहन की अग्नि से दूर रखना चाहिए. मान्यता है कि इस अग्नि में लोग अपनी नकारात्मक ऊर्जा की आहूति देते हैं, जिससे निकलने वाला धुआँ छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

3. नवविवाहित दंपति

शादी के बाद पहली होली पर नवविवाहित दंपति को होलिका दहन देखने से बचना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से उनके वैवाहिक जीवन में बाधाएँ आ सकती हैं. इसलिए नवविवाहित जोड़ों को इस परंपरा का पालन करते हुए होलिका दहन से दूर रहना चाहिए.

4. सास और बहू को एक साथ नहीं देखना चाहिए

कहा जाता है कि सास और बहू को एक साथ होलिका दहन देखने से बचना चाहिए. मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से उनके रिश्ते में तनाव आ सकता है और पारिवारिक जीवन में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं.

होलिका दहन क्यों नहीं देखना चाहिए?

धार्मिक दृष्टि से होलिका दहन को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है. इस आग को देखने से कुछ लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए वर्षों से चली आ रही मान्यताओं के अनुसार, उपरोक्त लोगों को विशेष रूप से होलिका दहन देखने से परहेज करने की सलाह दी जाती है. हालाँकि, यह सभी मान्यताएँ धार्मिक और पारंपरिक विश्वासों पर आधारित हैं. प्रत्येक व्यक्ति की अपनी आस्था होती है, और वह अपनी मान्यताओं के अनुसार निर्णय ले सकता है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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