मां लक्ष्मी.
Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए खास है. सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से भी खास लाभ प्राप्त होता है. पूर्णिमा तिथि पितरों की कृपा पाने के लिए भी खास मानी गई है. इस दिन पितरों के निमित्त दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से कुंडली का चंद्र ग्रह नियंत्रित रहता है. ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किन उपायों को करने से मां लक्ष्मी असीम कृपा प्राप्त होगी, जानिए.
धन की कमी होगी दूर
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें पीले रंग की 11 कौड़ियां अर्पित करें. उन कौड़ियों पर हल्दी का तिलक लगाकर रात भर वहीं रहने दें. अगल दिन उन कौड़ियों को लाल रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर रख दें. मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन इस उपाय को करने से धन-दौलत की कमी नहीं होती.
मां लक्ष्मी को लगाएं खीर का भोग
धन की देवी मां लक्ष्मी को सपेद रंग से बेहद लगाव है. ऐसे में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को रात में चावल का खीर बनाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएं. ऐसा करने से पहले मां लक्ष्मी की पूजा करें. पूर्णिमा के दिन किए गए इस उपाय मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही घर-परिवार में बरकत बनी रहती है.
मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कनकधारा और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना खास उपायों में से एक है. मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन ऐसा करने से मां लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है.
चंद्र देव को अर्घ्य
अगर धन से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चंद्र देव को कच्चे दूध में चावल और चीनी मिलाकर अर्ध्य दें. ऐसा करते वक्त ओम् स्रां स्रीं स्रौं सः चंद्रमासे नमः, ओम् ऐं क्लीं सोमाय नमः या ओम् सोम सोमाय नमः मंत्र बोलें.
पीपल में जल
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष में जल देने से जीवन की तमाम परेशानियां दूर हो जाती हैं. साथ ही साथ देवी-देवताओं समेत पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है.
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ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है?
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा शनिवार 22 जून को है. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 21 जून को सुबह 7 बजकर 31 मिनट से हो रही है. वहीं, पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 22 जून को सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर होगी. ऐसे में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा का व्रत शुक्रवार, 21 जून को रखा जाएगा. जबकि स्नान-दान शनिवार 21 जून को किया जाएगा.