कलियुग में कल्कि अवतार का महत्व.
Kalki Dham Lord Vishnu Kalki Avtar Importance: उत्तर प्रदेश के कल्कि धाम मंदिर का आधारशिला रखा गया है. इस मंदिर का निर्माण कल्कि धाम ट्रस्ट की देखरेख में किया जा रहा है. कल्कि धाम मंदिर का भूमि पूजन प्रधानमंत्री के हाथों किया गया. कल्कि धाम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं. पुराणों के अनुसार, भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार कल्कि है. इस अवतार में भगवान विष्णु कलयुग में अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना के लिए पृथ्वी लोग पर अवतरित होंगे. आइए जानते हैं भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के बारे में सबकुछ.
कलयुग में भगवान विष्णु के हैं 2 अवतार
पुराणों में कलयुग के दौरान होने वाले भगवान विष्णु के दो अवतारों की चर्चा है. कलियुग में भगवान का पहला अवतार बुद्ध अवतार है. जबकि दूसरा अवतार कल्कि अवतार है. भगवान विष्णु का बुद्धावतार ‘बुद्ध’ के रूप में हो चुका है. जबकि कल्कि अवतार होने वाला है. कलयुग में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार तब होगा जब कलयुग में अत्याचार बहुत अधिक बढ़ जाएगा.
कल्कि अवतार की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भृगु ऋषि ने भगवान विष्णु श्राप दे दिया. असुर लोग भृगु ऋषि के आश्रम में जाकर शरण ले लिया. एक दिन जब शुक्राचार्य और संत भृगु आश्रम में मौजूद नहीं तब देवताओं और इंद्र ने मिलकर असुरों पर हमला करने का फैसला किया. असुर भाग निकले और मदद के लिए काव्यमात जो कि भृगु ऋषि की पत्नी थीं, उन्होंने योग शक्ति के सहारे असुरों को देवताओं से बचाया.
इंद्र और अन्य देवता मदद के लिए तुरंत भगवान विष्णु के पास गए. जिसके बाद भगवान विष्णु ने असुरों को बचाने के लिए अपने सुदर्शन चक्र का उपयोग करके काव्यमाता (भृगु ऋषि की पत्नी) का सिर काट दिया. जब महर्षि भृगु आश्रम में लौटे और अपनी पत्नी को देखा तो वे भगवान विष्णु पर बहुत क्रोधित हुए.
कोध्र में आकर उन्होंने श्राप दिया कि उन्हें कई बार पृथ्वी पर जन्म लेना होगा और प्रियजनों की मृत्यु का दर्द सहना होगा. कहा जाता है कि इसी श्राप की वजह से भगवान विष्णु को बार-बार पृथ्वी पर अवतरित होना पड़ा. कलयुग में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होने वाला है.
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-भारत एक्सप्रेस