Kamika Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी के दिन का विशेष महत्व है. एक साल में 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं. सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी की महिला स्कंद पुराण में भी बताई गई है. सावन की कामिका एकादशी पर व्रत रखने और इस दिन पूजा और दान से इंसान द्वारा जाने-अनजाने में किए हुए समस्त पाप खत्म हो जाते हैं. वहीं कामिका एकादशी के दिन पूजा और व्रत करने से जीवन में चली आ रही परेशानियों से निजात मिलती है. इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के परिवार में सुख शांति बनी रहती है.
कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पूरे श्रद्धानुसार व्रत रखने का विधान है. भगवान विष्णु की कृपा से इस एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस एकादशी का महत्व इतना है कि इस दिन पूजा पाठ और सच्चे मन से व्रत रखने वालों को अपार धन और संपत्ति की प्राप्त होती है.
कामिका एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार जूलाई माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी का आरंभ 12 तारीख को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर होगा और अगले दिन 13 जुलाई 2023 को शाम 06 बजकर 24 मिनट पर इसका समापन होगा.
इस विधि से करें कामिका एकादशी के दिन पूजा
कामिका एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें. इस दिन की पूजा के लिए घर के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है. भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति पर गंगाजल छिड़कते हुए पीले रंग का पुष्प चढ़ाएं और दीप धूप से उनकी आरती करें. इसके बाद कामिका एकादशी की कथा सुने.
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एकादशी के अगले दिन सुबह उठते हुए भगवान विष्णु को भोग लगाएं और ब्राम्हणों को भोजन कराने के बाद व्रत का पारण करें. इस दिन भगवान विष्णु की कथा सुनने से घर परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. वहीं भगवान विष्णु की कृपा से सभी तरह के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है.