फेंगशुई के अनुसार कछुआ
Feng Shui for tortoise: जिंदगी में कभी-कभी खुशहाली और तरक्की का राज इंसान के घर में ही छिपा रहता है, लेकिन समय रहते हम इस राज को जान नहीं पाते. फेंगशुई की मानें तो कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें घर में रखने पर आपकी किस्मत अचानक से आपका साथ देने लगती है. ऐसी ही एक चीज है धातु का बना कछुआ. अगर आपको इसे अपने घर में रखने की सही जगह और इसके सही धातु का ज्ञान है तो यकीन मानिए माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कछुए को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. जिस घर में यह रहता है उस घर के लोग तरक्की तो करते ही हैं उनकी आयु भी लंबी होती है. कछुए की मजबूत पीठ इस बात का सूचक है कि यह घर में आई किसी भी तरह की विपत्ति को अपने उपर ले लेता है. आइए जानते हैं फेंगशुई के अनुसार इसका सही तरीका क्या है, जिससे की हम इसका अधिक से अधिक लाभ ले सकें.
कैसा कछुआ है फलदायी
फेंगशुई में चांदी और क्रिस्टल के कछुए को काफी शुभ माना गया है. माना जाता है कि कार्यस्थल पर चांदी का कछुआ बेहद ही शुभ है. ऐसा करने से कार्यस्थल पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और व्यापार में तरक्की होती है. क्रिस्टल का बना कछुआ भी काफी शुभ माना गया है. इसके अलावा आप चाहें तो लकड़ी के बने हुए कछुए को भी रख सकते हैं. क्रिस्टल वाले कछुए के लिए दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा उपयुक्त मानी गई है.
वहीं, लकड़ी वाले कछुए को पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ है. चांदी या धातु के कछुए को उत्तर दिशा में रखना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि कछुए का मुख हमेशा घर या कार्यालय के अंदर की ओर रहे. इसके साथ कोई दूसरा कछुआ न रखें. नहीं तो इसके परिणाम में कमी आ जाएगी.
संतानहीन लोगों को पीठ पर बच्चा लिए धातु का कछुआ रखना चाहिए. वहीं पति और पत्नी को अपने संबंधों में मधुरता लाने के लिए कछुए का जोड़ा रखना चाहिए. बेहतर सेहत के लिए मिट्टी का कछुआ रखने से लाभ मिलता है. माना जाता है कि जिस घर में कछुआ रहता है उस घर में बराबर शांति बनी रहती.
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