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जानें कैसे लिखे राम नाम, बोलने से अधिक मिलता है लिखने से पुण्य

कलियुग में राम का नाम इस माया रुपी संसार के भव सागर से पार लगाने वाला है. शास्त्रों के अनुसार यदि आप श्रीराम का नाम लेते हैं तो उत्तम है, लेकिन अगर आप श्रीराम का नाम लिखते हैं तो और भी उत्तम है.

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कैसे लिखे राम नाम

हमारे धार्मिक ग्रंथों में कई तरह की विधियां ऐसी बताई गई हैं, जिसे अगर हम अपने दैनिक जीवन में शामिल कर लें तो जिंदगी में आने वाली समस्त बाधाओं को हम आसानी से पार कर लेते हैं. इन्हीं सारी विधियों में ‘राम’ नाम की महिमा से जुड़ी एक विधि भी है. माना जाता है कि कलियुग में राम का नाम इस माया रुपी संसार के भव सागर से पार लगाने वाला है. राम नाम की महिमा तो ऐसी है कि एक बार जब पार्वती जी ने शंकर जी से पूछा कि आप सारा दिन किसका चिंतन करते रहते हैं तो शकंर जी ने कहा कि हे देवी मैं तो केवल संपूर्ण जगत में शक्ति के संचालनकर्ता श्रीराम का नाम ही जपता रहता हूं.

राम नाम की महिमा बताने के लिए सिर्फ यही एक कथा काफी है. शास्त्रों के अनुसार यदि आप श्रीराम का नाम लेते हैं तो उत्तम है, लेकिन अगर आप श्रीराम का नाम लिखते हैं तो और भी उत्तम है. राम नाम लिखने की तुलना एक ऐसे यज्ञ से की गई है, जो जातक की सभी मनोकामना को पूरा करने वाला है. ऐसे में राम के नाम को लिखने की सही विधि भी मालूम होना जरूरी है.

इस विधि से मिलेंगे राम

इसके लिए आपको ऐसा सफेद कागज लेना होगा, जिस पर एक भी लाइन नहीं हो. इसके बाद इस पर लिखने के लिए लाल कलम का इस्तेमाल करें. माना जाता है कि प्रभु श्रीराम को यह रंग अत्यंत ही प्रिय है. शुरुआत में कम से कम प्रतिदिन एक पेज तो अवश्य लिखें. हालांकि यह जरूरी नहीं है.

इस बात का भी अवश्य ध्यान रखें कि राम नाम स्पष्ट एवं साफ-साफ लिखा गया हो. मान्यता है कि 90 दिनों तक निरंतर ऐसा करने पर भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होने लगती हैं और आपकी जो भी मनोकामना है वह मूर्त रुप लेने लगती है. लेकिन बीच में यह क्रम टूटना नहीं चाहिए. इस दौरान शुद्धता का विशेष तौर पर ध्यान रखें. स्नान और साफ वस्त्र धारण करने के बाद ही राम नाम लिखना शुरु करें. लिखते समय भगवान श्रीराम का ध्यान अवश्य करें. इन 90 दिनों के दौरान आपकी मानसिक चेतना भी बढ़ने लगेगी और आप आत्मिक सुख का अनुभव करेंगे.

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