भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी.
Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी का व्रत अन्य एकादशी में खास महत्व रखती है. आमतौर पर निर्जला एकादशी व्रत को कठिन माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस एकादशी व्रत के दौरान जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है. यही वजह है कि निर्जला एकादशी व्रत के व्रती को खास नियमों का पालन करना होता है. निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी करते हैं. निर्जला एकादशी व्रत का महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जो लोग साल की अन्य एकादशी का व्रत नहीं रख पाते वे इस एकादशी का व्रत रख सकते हैं. इस एकादशी व्रत का लाभ अन्य एकदशी व्रत के जितना है. निर्जला एकादशी व्रत में कुछ नियमों का खास तौर पर ध्यान रखा जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि अगर पहली बार निर्जला एकादशी व्रत रखने जा रहे हैं तो किन बातों का खास ख्याल रखें.
निर्जला एकादशी व्रत नियम
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत रखने वालों को व्रत के दौरान जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि यह व्रत-नियम के विरुद्ध है. निर्जला एकादशी के व्रत का पारण करने के बाद ही जल ग्रहण करने का विधान है. ऐसे में प्रत्येक निर्जला एकादशी व्रती को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए.
अगर पहली बार निर्जला एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो भगवान को भोग लगाते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें कि उन्हें सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. इसलिए भगवान को भोग लगाते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें. निर्जला एकादशी व्रत के दिन भगवान के भोग में तुलसी का पत्ता जरूर रखें. कहा जाता है कि इसके बिना भगवान भोग स्वीकार नहीं करते हैं. भगवान को भोग में देने के लिए तुलसी के पत्तों की व्यवस्था पहले ही कर लेना चाहिए.
निर्जला एकादशी का व्रत रखने वालों को एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मान्यता है कि इस दिन मां तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.
निर्जला एकादशी व्रत के दिन भगवान की पूजा पीले रंग के वस्त्र पहनकर करना चाहिए. इस दिन काले या भूरे रंग के कपड़ों का इस्तेमाल ना करें.
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए. अगर व्रत कथा का पाठ नहीं कर सकते तो कथा अवश्य सुनें.
निर्जला एकादशी के दिन दान का भी खास महत्व है. इस दिन कलश या जल का दान करना शुभ माना गया है.
निर्जला एकादशी व्रत के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए. इसे व्रत नियम के खिलाफ माना गया है. इसके अलावा इस दिन दूसरों के प्रति मन में बुरे विचार ना लाएं और न ही बुरे कर्म करें.
निर्जला एकादशी व्रत के दौरान मन, वचन और कर्म की शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस नियम का ख्याल रखने पर ही व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है.
निर्जला एकादशी व्रत के दिन नाखून, बाल और दाढ़ी बनाना निषेध माना गया है. ऐसे में निर्जला एकादशी का व्रत रखने वालों को इस नियम का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
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