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Padmini Ekadashi 2023: तीन साल बाद सावन में विशेष संयोग में पद्मिनी एकादशी, भगवान विष्णु और शिव की बरसेगी कृपा, जानें-शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Padmini Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी और अधिक मास दोनों ही भगवान विष्णु को समर्पित हैं. वहीं सावन होने के कारण भगवान शिव की कृपा भी मिलेगी.

Padmini-Ekadshi

पद्मिनी एकादशी

Padmini Ekadashi 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी मनाई जाती है. इस एकादशी को विशुद्ध एकादशी के नाम से जाना जाता है. वहीं इस वर्ष सावन के बीच में ही अधिकमास पड़ रहा है. ऐसे में पद्मिनी एकादशी का व्रत अधिकमास में रखा जाएगा. अधिक मास की शुरुआत 18 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 14 अगस्त को हो रहा है. हिंदू धर्म में एकादशी और अधिक मास दोनों ही भगवान विष्णु को समर्पित हैं. वहीं सावन होने के कारण भगवान शिव की कृपा भी मिलेगी.

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पूरे श्रद्धानुसार व्रत रखने का विधान है. भगवान विष्णु की कृपा से इस एकादशी का व्रत रखने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं पद्मिनी एकादशी की तिथि और इस दिन पड़ने वाले शुभ मुहूर्त.

पद्मिनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, इस बार सावन 59 दिनों का है. वहीं बीच सावन मलमास या अधिक मास पड़ रहा है. ऐसे में मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि भी मलमास में ही पड़ रही है. यह 28 जुलाई को दोपहर में 2 बजकर 51 मिनट पर शुरू हो जाएगी. वहीं इसका समापन अगले दिन 29 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर होगा. ऐसे में पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई को रखा जाएगा.

पद्मिनी एकादशी के दिन पूजा करने के लिए सुबह 7 बजकर 22 मिनट से लेकर 9 बजकर 4 मिनट तका का समय उत्तम माना जा रहा है. वहीं इसका पारण 30 जुलाई को सुबह 5 बजकर 41 मिनट से लेकर सुबह के ही 8 बजकर 24 मिनट तक किया जा सकता है.

पद्मिनी एकादशी का महत्व

पद्मिनी एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सुख समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. वहीं स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती है. इसके अलावा सावन में एकादशी पड़ने से भगवान शिव और विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होगी. संतान से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे दंपत्ति को भी इस एकादशी के व्रत से लाभ मिलता है. माना जाता है कि इस एकादशी के प्रभाव से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है.

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इस विधि से करें पूजा

पद्मिनी एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठें और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए एकादशी व्रत का संकल्प लें. इस दिन की पूजा के लिए घर के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करने और सुनने से विशेष लाभ मिलता है. भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति पर गंगाजल छिड़कते हुए पीले रंग का पुष्प चढ़ाएं और दीप धूप से उनकी आरती करें. एकादशी के अगले दिन सुबह भगवान विष्णु को भोग लगाए और व्रत का पारण करें.

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