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Panchak: पंचक हुआ शुरू, इस दौरान भूलकर भी नहीं किए जाते हैं ये काम

Panchak Mistakes: पंचांग के अनुसार, 26 जून से पंचक शुरू हो चुका है. इस दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही है.

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पंचक (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Panchak from 26 to 30 June 2024: हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य मुहूर्त (अच्छा समय) देखकर दिया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अशुभ समय में किए कार्य शुभ परिणाम नहीं देते हैं. यही कारण है कि पंचक के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक के दौरान कुछ कार्यों को करने से परहेज करना चाहिए. पंचांग के अनुसार, इस बार 26 जून से शुरू हो चुका है जो कि 30 जून तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक में शतभिषा, धनिष्ठा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद और रेवती ये 5 नक्षत्र आते हैं. इन्हीं पांच नक्षत्रों को ध्यान में रखकर पंचक के दौरान शुभ कार्य करने से बचा जाता है.

पंचक के दौरान नहीं किए जाते हैं ये काम

पंचक के दौरान धनिष्ठा नक्षत्र पड़ने पर घास, लकड़ी जैसी जलने वाली वस्तुएं इक्कठा करने से परहेज किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे आग लगने का भय बना रहता है.

पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो उस वक्त घर का छत नहीं ढलवाना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि ऐसा करने से आर्थिक नुकसान होता है.

ज्योतिष शास्त्र के दौरान पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करने से परहेज करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि दक्षिण को यमराज की दिशा के तौर पर माना गया है. ऐसे में पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा नुकसानदेह साबित हो सकता है.

पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित से सलाह जरूर लेना चाहिए. पंचक के दौरान विधि-विधान से अंतिम संस्कार ना करने पर दोष लगता है. इसलिए पंचक के दौरान इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए.

शास्त्रों में पंचक के दौरान चारपाई का निर्माण करना अशुभ माना गया है. मान्यता है कि पंचक के दौरान ऐसा करने से कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है.

कितने प्रकार के होते हैं पचंक?

सोमवार से शुरू हो रहे पंचक को राज पंचक कहा गया है. शास्त्रों में इस पंचक को शुभ माना गया है. मंगलवार से शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहा जाता है. अग्नि पंचक के दौरान निर्माण कार्यों को करने से बचना चाहिए.

शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक के नाम से जाना जाता है. इस दौरान किसी भी प्रकार के जोखिम भरे कार्य नहीं करने चाहिए.

शुक्रवार से शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक के रूप में जाना जाता है. इस पंचक की अवधि में यात्रा नहीं की जाती है.

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