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Sawan 2024: अगर सावन में चाहते हैं शिवजी की विशेष कृपा, तो याद रखें ये खास बातें

Sawan 2024: सावन का महीना शिवजी की पूजा के लिए अत्यंत खास माना गया है. इस दौरान शिवजी की पूजा के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.

shiv shivling

शिवजी और शिवलिंग.

Sawan 2024 Shivling Puja Niyam: सनातन धर्म में आस्था और विश्वास रखने वालों के लिए सावन का महीना किसी उत्सव से कम नहीं होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सावन में कई खास संयोग बनने जा रहे हैं. इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है. जबकि इसका समापन भी सोमवार को ही होगा. साथ ही साथ इस बार सावन में 5 सोमवार का भी खास संयोग बनने जा रहा है. इसके अलावा इस बार सावन के पहले दिन यानी 22 जुलाई को प्रीति योग, आयुष्मान योग और सर्वार्थसिद्धि योग का भी दुर्भल संयोग बनेगा. ऐसे में सावन के दौरान शिवजी की कृपा पाने के लिए किन 3 खास बातों का ख्याल रखना होगा, जानिए.

सावन में बेलपत्र से जुड़े नियम

सावन में शिवजी को अर्पित किए जाने वाले पूजन सामग्रियों में बेलपत्र का अहम महत्व है. शास्त्रों में बेलपत्र की महिमा को बताते हुए कहा गया है- ‘त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्, त्रिजन्मपाप संहारं एक बिल्वं शिवार्पणम्’. यानी सावन मास में जो कोई तीन पत्तियों वाला एक बेलपत्र शिवजी को अर्पित करता है उसके तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जात हैं.

ऐसे में सावन मास में शिवजी को बेलपत्र चढ़ाते वक्त उसकी तीन पत्तियों का विशेष ख्याल रखें. यानी वही बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें जिसकी तीनों पत्तियां बिल्कुल सहीं हों.

सावन में शिवजी को बेलपत्र चढ़ाते वक्त इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि उसका डंटल 1-2 इंच से बड़ी न हो. अक्सर लोग समूचे डंटल वाले बेलपत्र शिवजी को अर्पित कर देते हैं जो कि शास्त्र सम्मत नहीं है.

मान्यता है कि सोमवार को बेलपत्र नहीं तोड़ा जाता है. ऐसे में इसके पहले ही बेलपत्र तोड़कर रख लेना चाहिए.

दूध से जुड़े नियम

सावन मास में शिवजी को दूध के अभिषेक किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भोलेनाथ को दूध के अभिषेक करने पर कुंडली का चंद्र दोष खत्म हो जाता है. सावन में शिवलिंग पर सिर्फ कच्चा दूध चढ़ाने का विधान है.

शिवलिंग की परिक्रमा से जुड़े नियम

सावन मास में अक्सर लोग मंदिर में शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद परिक्रमा करते हैं. ऐसे में शिवलिंग की परिक्रमा करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि जलधारी को नहीं लांघें. जलधारी वह होता है जिससे माध्यम से शिवलिंग पर अर्पित किया हुआ जल बाहर जाता है.

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