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Sawan Purnima 2023: इस दिन है सावन पूर्णिमा व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sawan Purnima 2023: सावन माह में पड़ने वाली इस पूर्णिमा को श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. सावन पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में किए गए स्नान, दान और पूजा का अधिक महत्व है.

Sawan Purnima 2023: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. ऐसे में इस माह पड़ने वाली सावन माह की पूर्णिमा पूजा पाठ की दृष्टि से बेहद ही खास मानी जा रही है. वहीं इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार भी पड़ रहा है. सावन माह में पड़ने वाली इस पूर्णिमा को श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. पूर्णिमा तिथि के दिन को लेकर मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान करने और भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन धान्य में वृद्धि होती है और तमाम तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है. ऐसे में आइए जानते हैं सावन पूर्णिमा की तिथि और इसका महत्व.

जानें सावन पूर्णिमा 2023 पर शुभ मुहूर्त

सावन पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में किए गए स्नान, दान और पूजा का अधिक महत्व है. श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से शुरू हो जाएगी और 31 अगस्त को सुबह 08 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. वहीं श्रावण पूर्णिमा का व्रत 30 अगस्त के दिन रखा जाएगा. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस दिन अत्यंत शुभ माने जाने वाले धनिष्ठा नक्षत्र का निर्माण भी हो रहा है.

क्यों खास है सावन पूर्णिमा

पूर्णिमा तिथि को गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्‍नान करने की विशेष मान्यता है. वहीं इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने का भी विधान है. सावन में पूर्णिमा पड़ने के कारण भगवान शिव की कृपा भी मिलती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन रात्रि में चंद्रमा को दूध से अर्घ्‍य देना चाहिए इससे धन धान्‍य में वृद्धि होती है. इसके अलावा किसी तरह का कोई रोग हो तो उससे भी राहत मिलती है.

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इस विधि से करें पूजा

सावन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्‍णु की पूरे विधि विधान से पूजा करना चाहिए. इसके अलावा संध्या काल में मां लक्ष्‍मी और रात्रि में चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा के लिए पीले फूल, पीले फल और हल्दी लगे पीले चावल के अलावा पीले वस्त्र के अलावा दीप-धूप से पूरे विधि विधान से पूजा करें. वहीं संध्या काल में मां लक्ष्‍मी को प्रसन्न करने के लिए केसर की खीर का भोग लगाएं. इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा भी करती हैं. इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का भी जाप किया जाता है.



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