
भारतीय सेना की वायु सुरक्षा क्षमताओं को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से हाल ही में रूसी मूल की Igla-S शोल्डर-फायर्ड एयर डिफेंस मिसाइलों की एक नई खेप प्राप्त हुई है. यह आपूर्ति भारत और रूस के बीच हुए एक रक्षा समझौते के तहत की गई है, जिससे भारतीय सेना के कम दूरी वायु रक्षा सिस्टम को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया जा सकेगा.
रक्षा सूत्रों के अनुसार, सेना को मिसाइलें और लॉन्चर उपकरण सौंप दिए गए हैं और इन्हें जल्द ही विभिन्न रणनीतिक और संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा. Igla-S मिसाइलें हेलीकॉप्टरों, लड़ाकू विमानों और ड्रोन जैसे कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हवाई लक्ष्यों के खिलाफ त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में सक्षम हैं.
तकनीकी विशेषताएं और मारक क्षमता
Igla-S, जिसे रूस ने विकसित किया है, एक पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे एक सैनिक कंधे पर रखकर संचालित कर सकता है. यह प्रणाली दिन और रात दोनों समय में संचालन करने में सक्षम है और इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स से लैस लक्ष्यों को भी भेद सकती है. इसकी मारक क्षमता लगभग छह किलोमीटर तक है और यह लगभग 3500 मीटर की ऊंचाई तक के लक्ष्यों को निशाना बना सकती है.
भारतीय सेना लंबे समय से अपनी कम दूरी वायु रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने की दिशा में प्रयास कर रही थी. वर्तमान में सेना के पास जो वायु रक्षा प्रणालियाँ हैं, वे कई दशक पुरानी हो चुकी हैं और नई चुनौतियों का सामना करने में सीमित हो रही थीं. Igla-S मिसाइलों के शामिल होने से भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, विशेष रूप से सीमावर्ती इलाकों और संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के संदर्भ में.
‘आत्मनिर्भर भारत’ को मिलेगा नया बल
इस करार के तहत कुछ मिसाइलों और लॉन्चर उपकरणों का निर्माण भारत में भी किया जाएगा. इसके लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे भारत में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में Igla-S मिसाइलों की और भी खेपें सेना को दी जा सकती हैं ताकि वायु सुरक्षा नेटवर्क को बहुस्तरीय और अधिक प्रभावी बनाया जा सके. सेना ने वायु रक्षा प्रणाली के समग्र आधुनिकीकरण के लिए भी विस्तृत योजना तैयार की है, जिसमें नए रडार, सेंसर और इंटरसेप्टर मिसाइलों को शामिल किया जाएगा.
रूसी मूल की Igla-S मिसाइलों की आपूर्ति भारतीय सेना की वायु सुरक्षा क्षमताओं को नई ऊर्जा प्रदान करेगी और संभावित हवाई खतरों से निपटने के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच स्थापित करेगी. यह कदम भविष्य के युद्ध परिदृश्यों में भारतीय सशस्त्र बलों की तकनीकी श्रेष्ठता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
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-भारत एक्सप्रेस
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