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नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की इस विधि से करें पूजा, भगवान शिव का है खास संबंध

Shardiya Navratri 2023: धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री से कई सिद्धियों को प्राप्त किया था.

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि की महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. आखिरी दिन होने के कारण कई लोग इस दिन व्रत का पारण भी करते हैं. इस दिन किए जाने वाले पूजा पाठ और मंत्र जाप के अलावा हवन करने से कई गुना अधिक फल मिलता है. महानवमी पर देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है. नवमी के दिन माता की पूजा, मंत्र जाप, हवन करने से सौभाग्य और सुख की प्राप्ति होती है.

सभी तरह की सिद्धियां देती हैं मां सिद्धिदात्री

मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों और साधकों को प्रसन्न होने पर कई तरह की सिद्धियां प्रदान करती हैं. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री से कई सिद्धियों को प्राप्त किया था. मां की कृपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था. अपने इसी रूप के कारण उन्हें ‘अर्द्धनारीश्वर’ नाम से जाना गया. इनकी कृपा से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंधर्व, किन्नर, नाग, यक्ष, देवी-देवता और मनुष्य सभी इनकी कृपा से अष्ट सिद्धियों को प्राप्त करते हैं.

इस विधि से करें मां की पूजा

नवरात्रि में नवमी तिथि 23 अक्टूबर को पड़ रही है. आज शाम को 5.46 तक नवमी तिथित रहेगी.  आचार्य रामानुज के अनुसार इस दिन मां की पूरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. नौवें दिन साधना करने वाले साधकों को सभी दिव्य सिद्धियों की प्राप्ति होती है. मां सिद्धिदात्री धन,वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं. नवमी तिथि के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के पश्चात कलश पूजन करके मां की विधि-विधान से पूजा करें.

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इस दिन धन लाभ के लिए हवन में गुलाब का फूल और कमल के फूल के साथ शहद मिलाकर अग्नि को समर्पित करें. मां का वंदना मंत्र और दुर्गा सप्तशती का 9 बार पाठ करने से विशेष लाभ होता है. इस दिन मां को हलुआ, पूरी, बिना लहसुन प्याज वाली सब्जी और काले चने के अलावा नारियल का भोग लगाएं. इस दिन काले काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. नवमी पर बैंगनी या जामुनी रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है.



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