भगवान विष्णु.
Yogini Ekadashi 2024: आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी को लेकर मान्यता यह है कि जो कोई इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है उसके सारे पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा इस एकादशी का व्रत रखने वालों को तमाम ऐश्वर्य, सुख की प्राप्ति होती है. यही वजह है इस एकादशी का व्रत तीनों लोकों में प्रसिद्ध है. पंचांग के अनुसार, इस साल योगिनी एकादशी के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं योगिनी एकादशी व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पारण समय और पूजन विधि.
योगिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?
पंचांग के मुताबिक, आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. एकादशी तिथि की शुरुआत 1 जुलाई को सुबह 10 बजकर 26 मिनट से हो रही है. जबकि, एकादशी तिथि की समाप्ति 2 जुलाई को सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर होगी. ऐसे में इस साल योगिनी एकादशी का व्रत मंगलवार 2 जुलाई को रखा जाएगा.
योगिनी एकादशी का पारण कब किया जाएगा?
पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी का पारण बुधवार 3 जुलाई को किया जाएगा. पारण के लिए शुभ समय सुबह 6 बजकर 05 मिनट से 7 बजकर 10 मिनट तक है. पारम के दिन द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय 7 बजकर 10 मिनट है. ऐसे में द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले एकादशी व्रत का पारण कर लेना उचित होगा.
योगिनी एकादशी व्रत नियम और पूजन विधि
एकादशी व्रत का नियम दशमी तिथि से शुरू हो जाता है. ऐसे में दशमी तिथि की रात से ही तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए.
योगिनी एकादशी व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना जरूरी माना गया है.
योगिनी एकादशी के दिन पूजन के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान इत्यादि से निवृत हो जाएं और इसके बाद व्रत-पूजन का संकल्प लें.
घर में पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और वहां भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति रखकर पूजा करें.
धूप-दीप इत्यादि से भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजन के अंत में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती करें.
पूजन के दौरान योगिनी एकदशी व्रत की कथा जरूर पढ़ें.
योगिनी एकादशी के दिन दान का खास धार्मिक महत्व है. ऐसे में इस दिन जरुरतमंदों के बीच दान करें.
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