सांकेतिक तस्वीर
चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) 2025 की मेज़बानी को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) का चयन होते ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International cricket) जगत में चर्चा का विषय बन गया है. यह टूर्नामेंट, जो आईसीसी का एक प्रतिष्ठित आयोजन है, 2025 में पाकिस्तान में आयोजित होने वाला है. पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी 1996 के बाद पहली बार मिली है, लेकिन इसके साथ ही विवाद भी खड़े हो गए हैं.
पाकिस्तान की मेज़बानी का ऐतिहासिक संदर्भ
1996 में पाकिस्तान ने आखिरी बार वर्ल्ड कप (World Cup) का कुछ हिस्सा होस्ट किया था. इसके बाद 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट लगभग बंद हो गया था. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान ने धीरे-धीरे अपनी घरेलू क्रिकेट को फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने में सफलता हासिल की है. PSL (पाकिस्तान सुपर लीग) और अन्य द्विपक्षीय सीरीज़ के ज़रिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट फिर से पाकिस्तान लौटा है.
विवाद के प्रमुख कारण
- सुरक्षा चिंताएं
पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं का इतिहास और वहां की सुरक्षा स्थिति हमेशा सवालों के घेरे में रही है. कई क्रिकेट खेलने वाले देश, विशेषकर भारत, पाकिस्तान में सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने साफ कर दिया है कि भारतीय टीम पाकिस्तान जाने से पहले सरकार से अनुमति लेगी.
- भारत-पाकिस्तान के राजनीतिक संबंध
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण राजनीतिक संबंध रहे हैं, जो खेलों पर भी प्रभाव डालते हैं. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध लगभग खत्म हो गए हैं. चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम की भागीदारी पर अभी भी संशय बना हुआ है.
- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की चुनौती
आईसीसी को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी टीमों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी. यदि भारत जैसी बड़ी टीम इस आयोजन में भाग नहीं लेती है, तो टूर्नामेंट की लोकप्रियता और आर्थिक सफलता पर गहरा असर पड़ेगा.
पाकिस्तान का पक्ष
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) का कहना है कि देश ने हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आयोजन में महत्वपूर्ण प्रगति की है. पीसीबी का दावा है कि उन्होंने पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं और यह टूर्नामेंट पाकिस्तान के लिए एक सुनहरा अवसर है.
आगे का रास्ता
पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेज़बानी मिलना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, लेकिन इसे सफल बनाना उतनी ही बड़ी चुनौती होगी. आईसीसी, मेज़बान पाकिस्तान और सभी भाग लेने वाले देशों को मिलकर सुरक्षा और अन्य विवादित मुद्दों का हल निकालना होगा. यह टूर्नामेंट केवल खेल आयोजन नहीं होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और राजनीतिक संबंधों के लिए भी एक महत्वपूर्ण परीक्षा साबित होगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान इस मौके को कैसे संभालता है और क्या सभी टीमें इसमें हिस्सा लेती हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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