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इन शाही हस्तियों के नाम पर रखा गया था रणजी और दलीप ट्रॉफी का नाम, पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा से है खास कनेक्शन

जामनगर राजघराने ने अजय जडेजा को अपनी गद्दी का उत्तराधिकारी घोषित किया, जो खुद भी एक प्रमुख भारतीय क्रिकेटर रहे हैं, और अब इस शाही खेल विरासत को आगे बढ़ाएंगे.

अजय जडेजा

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में रणजी और दलीप ट्रॉफी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. इन टूर्नामेंट्स के नाम जिन महान खिलाड़ियों के नाम पर रखे गए हैं, उनका सीधा संबंध गुजरात के जामनगर राजघराने से है. यह वही राजघराना है, जिसके मौजूदा उत्तराधिकारी पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा हैं. हाल ही में, जामनगर के शाही परिवार ने घोषणा की कि गद्दी अब अजय जडेजा को सौंपी जाएगी. यह संबंध क्रिकेट और इस राजघराने के इतिहास को और भी रोमांचक बनाता है. आइए जानते हैं रणजी और दलीप ट्रॉफी का जामनगर के राजघराने से कैसे जुड़ाव है.

महाराज रणजीतसिंहजी (Ranji Trophy)

रणजीतसिंहजी

रणजी ट्रॉफी का नामकरण जामनगर के महाराज कुमार श्री रणजीतसिंहजी (1872-1933) के सम्मान में किया गया था, जिन्हें भारतीय क्रिकेट का जनक माना जाता है. महाराज रणजीतसिंहजी, जिन्हें ‘रणजी’ के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित नामों में से एक हैं. हालांकि वे भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य नहीं रहे, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला और वहां क्रिकेट की दुनिया में एक महान बल्लेबाज के रूप में प्रसिद्ध हुए.

रणजीतसिंहजी ने क्रिकेट में अपने अभूतपूर्व कौशल और तकनीक से बल्लेबाजी के नए मानक स्थापित किए. वे ‘लेग ग्लांस’ शॉट के लिए जाने जाते थे, जो उस समय बल्लेबाजों के लिए एक नई शैली थी. 1934 में उनके सम्मान में भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का नाम ‘रणजी ट्रॉफी’ रखा गया.

महाराज दलीपसिंहजी (Duleep Trophy)

दलीपसिंहजी

दलीप ट्रॉफी का नामकरण रणजीतसिंहजी के भतीजे महाराज कुमार श्री दलीपसिंहजी (1905-1959) के नाम पर किया गया है. दलीपसिंहजी भी एक उत्कृष्ट क्रिकेटर थे और उनके चाचा रणजीतसिंहजी की तरह, उन्होंने भी इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला. दलीपसिंहजी अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी तकनीक के लिए जाने जाते थे, और उनकी शैली में भी रणजी की झलक दिखाई देती थी.

दलीपसिंहजी ने कम उम्र में ही क्रिकेट में शानदार सफलता हासिल की, लेकिन दुर्भाग्य से चोटों के कारण उनका क्रिकेट करियर बहुत लंबा नहीं चल पाया. उनके क्रिकेट योगदान को सम्मानित करने के लिए 1961 में ‘दलीप ट्रॉफी’ की शुरुआत की गई, जो भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक प्रतिष्ठित प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता है.

जामनगर राजघराने का क्रिकेट में योगदान

जामनगर के राजघराने का क्रिकेट से गहरा संबंध है. न केवल रणजीतसिंहजी और दलीपसिंहजी महान क्रिकेटर थे, बल्कि इस परिवार के अन्य सदस्य भी खेल से जुड़े रहे. जामनगर के मौजूदा जाम साहब शत्रुसल्यसिंहजी दिग्विजयसिंहजी जडेजा भी एक प्रथम श्रेणी के क्रिकेटर रहे हैं. और अब, इस क्रिकेट विरासत को आगे बढ़ाते हुए, अजय जडेजा को जामनगर के शाही परिवार का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है.

अजय जडेजा खुद भी भारतीय क्रिकेट के एक जाने-माने नाम हैं. उन्होंने भारत के लिए कई महत्वपूर्ण मैच खेले हैं और वे अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और रणनीतिक सूझबूझ के लिए प्रसिद्ध रहे हैं.

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-भारत एक्सप्रेस

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