पूर्व फार्मूला वन चैंपियन माइकल शूमाकर
माइकल शूमाकर को दुनिया के बेहतरीन रेसरों में गिना जाता है. ये स्टार खिलाड़ी आज 54 साल का हो गया. माइकल ने रेसिंग में अपना हुनर इस कदर दिखाया है कि पूरी दुनिया उनकी मुरीद है. जर्मनी के इस रेसर ने ऐसे पैमाने तय किए जिनके पीछे चलना नई पीढ़ी के रेसरों के लिए मुश्किल है. लेकिन, एक हादसे ने पूर्व चैंपियन शूमाकर की जिंदगी बदल दी.
सात बार के फार्मूला वन चैंपियन माइकल शूमाकर साल 2013 में एक स्कीइंग दुर्घटना का शिकार हो गए थे. उनके साथ यह घटना फ्रांस के फ्रेंच आल्प्स शहर में घटी थी. इस हादसे ने शूमाकर की जिंदगी बदल दी. इस एक्सीडेंट के दौरान शूमाकर के सिर पर चोट लगी थी, जिसकी वजह से वो कोमा में चले गए थे. शूमाकर उस दिन स्कीइंग कर रहे थे, तभी वह गिर गए और एक चट्टान से उनका सिर टकरा गया. बाद में उनके सिर की सर्जरी भी हुई थी. इस हादसे के बाद से शूमाकर का परिवार धीरे-धीरे मीडिया से दूर होने लगा. परिवार ने स्वास्थ्य और शूमाकर की रिकवरी को लेकर भी पब्लिक डोमेन में बहुत कम जानकारियां साझा कीं.
शूमाकर के नाम दर्ज है कई रिकॉर्ड
बात अगर ट्रॉफी जीतने की हो तो शूमाकर के नाम ने 7 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप बनने का रिकॉर्ड है. के खिताब अपने नाम किए. साल 1969 में जन्में शूमाकर के नाम तो वैसे कई बड़े रिकॉर्ड है लेकिन उनसे जुड़ी कुछ ऐसे कहानी भी है जो आपको जरूर जाननी चाहिए.महज छह साल की उम्र में शूमाकर ने अपने करियर की शुरुआत की थी. इस छोटी सी उम्र में उन्होंने रेसिंग की दुनिया में जाने का मन बना लिया था. हालांकि ये राह उनके लिए इतनी आसान नहीं रही. कई कानूनी दाव पेच और कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने अपने सपने को पूरा करने की ओर कदम बढ़ाया. शूमाकर को दुनिया के बेहतरीन रेसरों में गिना जाता है और इसका कारण उनका शानदार करियर है. वह फॉर्मूला वन के सबसे सफल ड्राइवर थे.
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2006 में जब शूमाकर ने लिया संन्यास
2006 में जब शूमाकर ने संन्यास लिया था तो रेसिंग दुनिया में वो एक बड़े नाम रहे. वहीं उन्होंने 2010 में एक बार फिर खेल में वापसी की लेकिन सफल नहीं रहे. 2012 में उन्होंने एक बार फिर सन्यास ले लिया था. उनके नाम एक समय सबसे ज्यादा वर्ल्ड ड्राइवर चैंपियनशिप, सबसे ज्यादा जीत, सबसे ज्यादा पोल पोजिशन के रिकॉर्ड थे. दिसंबर 2013 में स्विट्ज़रलैंड में छुट्टियों के दौरान स्कीइंग दुर्घटना के बाद शूमाकर लगभग अपनी जान गवा चुके थे. इसके बाद वो लंबे समय तक खेल से दूर रहे थे. मगर फैंस की दुआ उनके काम आई. दुनिया भर के प्रशंसकों ने सात बार के विश्व चैंपियन पर प्यार और शुभकामनाओं की बौछार की.