Bharat Express

Acharya Balkrishna

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में बीते मंगलवार को शीर्ष अदालत ने कंपनी को निर्देश देते हुए कहा था कि हम अखबारों में प्रकाशित माफीनामे का वास्तविक आकार देखना चाहते हैं. हम यह देखना चाहते हैं कि जब आप कोई विज्ञापन जारी करते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि हमें इसे माइक्रोस्कोप से देखना होगा.

इस महीने की शुरुआत में भ्रामक विज्ञापन मामले में योगगुरु Baba Ramdev और Patanjali Ayurved के प्रबंध निदेशक Acharya Balkrishna ने व्यक्तिगत रूप से Supreme Court से माफी मांगी थी.

कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को जमकर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप सोच रहे हैं कि आपको हमने माफ कर दिया तो हमने माफ नहीं किया है.

बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट में भ्रामक विज्ञापन मामले की चल रही सुनवाई के बीच अब पतंजलि के शहद उत्पाद सैंपल जांच में फेल हो गए हैं.

Baba Ramdev और Acharya Balkrishna अपनी कंपनी Patanjali Ayurved के औषधीय उत्पादों के असर के बारे में विज्ञापनों में बड़े-बड़े दावे करते रहे हैं, जिसके खिलाफ एलोपैथी डॉक्टरों के शीर्ष संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने Supreme Court में याचिका दायर ​की है.

हलफनामे में बालकृष्ण-रामदेव ने कहा कि अब कोई प्रेस वार्ता नहीं की जाएगी. कोर्ट के आदेश का अक्षरशः पालन किया जाएगा. भविष्य में इस प्रकार के विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्यों न पतंजलि और इसके एमडी के खिलाफ अवमानना केस चलाया जाए. केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह इस मामले में एक नया हलफनामा दाखिल करेगी.

Patanjali tenders unconditional apology: सुप्रीम कोर्ट पतंजलि आयुर्वेद द्वारा जारी एक विज्ञापन से नाराज था, क्योंकि उसने अदालत को आश्वासन दिया था कि वह ‘दवाओं के औषधीय प्रभावों का दावा करने वाले या चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई बयान नहीं देगी.

Supreme Court Vs Ramdev: बाबा रामदेव ने शीर्ष अदालत की फटकार के बावजूद उसके कारण बताओ नोटिस का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा है. इससे खफा सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश दिया है.