ओडिशा में BJD vs BJP की लड़ाई, उड़िया अस्मिता याद आई
सियासत में न कोई स्थायी दोस्त होता है और न ही कोई स्थायी दुश्मन, इस बात को ओडिशा में दोहराते नजर आ रहे हैं दो सियासी दल. दोनों दलों का अपना सियासी प्रभाव है और अपनी विचारधारा है.
सियासत में न कोई स्थायी दोस्त होता है और न ही कोई स्थायी दुश्मन, इस बात को ओडिशा में दोहराते नजर आ रहे हैं दो सियासी दल. दोनों दलों का अपना सियासी प्रभाव है और अपनी विचारधारा है.