देश में जब भी त्रासदी आई तो उम्मीद की किरण बनकर सामने आए गौतम अडानी, मदद के लिए बढ़ाया हाथ
दुर्भाग्य को भला कौन टाल पाया है. इससे अक्सर हमें दुखद आघात मिलता है. कमजोर और हाशिए पर रहने वालों को तो यह और दीन-हीन बना देता है.
दुर्भाग्य को भला कौन टाल पाया है. इससे अक्सर हमें दुखद आघात मिलता है. कमजोर और हाशिए पर रहने वालों को तो यह और दीन-हीन बना देता है.