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जब ब्राजील से फ्रांस के लिए उड़ा विमान बीच हवा में हो गया गायब, 228 लोग थे सवार; सालों बाद ब्लैक बॉक्स से क्या पता चला?

एयरबस A330 बड़े आकार का अत्याधुनिक यात्री विमान था, जो 10 घंटे से अधिक की लंबी दूरी की उड़ान के लिए डिज़ाइन किया गया था. मगर, 2009 की एक रात जब वो सैकड़ों यात्रियों को लेकर महासागर के ऊपर से उड़ रहा था, उसने दर्जनों परिवारों के आंसू बहा दिए.

What Happened to Air France Flight 447

विमानन इतिहास की सबसे रहस्यमयी घटना

Vijay Ram Edited by Vijay Ram

आपने कुछ रहस्यमयी विमान हादसों के बारे में तो सुना ही होगा, आज यहां यूरोपीय देश फ्रांस के एक​ विमान के रहस्यमय तरीके से गायब होने की घटना के बारे में जानिए. इस घटना की लोग आज भी चर्चा करते हैं और इसे लेकर तमाम सवाल लोगों के मन में उठने लगते हैं.

दरअसल, 1 जून 2009 को एयर फ्रांस फ्लाइट-447 ने ब्राजील के रियो डी जनेरो से पेरिस के लिए उड़ान भरी थी. इस विमान में 228 लोग सवार थे, लेकिन उड़ान के कुछ घंटे बाद ही यह विमान अटलांटिक महासागर में गायब हो गया. इसे विमानन इतिहास का एक बड़ा रहस्य माना गया, क्योंकि यह एक अत्याधुनिक विमान था और इसकी गायब होने की कोई स्पष्ट वजह नहीं थी.

ब्लैक बॉक्स से खुलासा- क्यों हुई दुर्घटना?

यह रहस्य तब और गहरा गया जब 2011 में विमान के ब्लैक बॉक्स की खोज हुई. इसके विश्लेषण से पता चला कि विमान ने जिस प्रणाली से उड़ान भरी थी, वह तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक थी. हालांकि, विमान के सेंसर जाम हो गए थे और ऑटोपायलट सिस्टम ने भी काम करना बंद कर दिया था. इस स्थिति में पायलटों को परेशानी हुई और वे विमान को संभालने में विफल रहे.

विमान में ये थे पायलट

मनोवैज्ञानिक दबाव और पायलट की गलती

ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग से यह भी स्पष्ट हुआ कि पायलटों ने अपनी ट्रेनिंग के बावजूद विमान के नियंत्रण को सही तरीके से नहीं संभाला. एक पायलट, बोनिन, ने गलती से विमान के नोज़ को बहुत ऊंचा उठा दिया, जिससे विमान की गति घटने लगी. यह स्थिति तब और बिगड़ी जब ऑटोपायलट बंद हो गया और पायलट को इस बदलाव का सही अंदाजा नहीं था.

एयरबस A330 की विशेषताएँ और जटिलता

एयर फ्रांस फ्लाइट 447 एयरबस A330 मॉडल का था, जो एक अत्याधुनिक फ्लाइ-बाय-वायर विमान था. इसका नियंत्रण प्रणाली सामान्य स्थितियों में विमान को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाती है, लेकिन जब विमान ने अपनी गति और ऊंचाई खो दी, तो वह ‘अल्टरनेट लॉ’ पर चला गया. इस सिस्टम में विमान को स्टॉल होने से रोकने की कोई सुरक्षा नहीं थी, और यही पायलट के लिए मुश्किलें पैदा करने वाली स्थिति थी.

क्या वो विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं होता?

हालांकि एयरबस A330 को एक अत्यधिक सुरक्षित विमान माना जाता है, परंतु इस हादसे से यह साबित हो गया कि मानव त्रुटि और तकनीकी समस्याएँ भी एक खतरनाक परिणाम का कारण बन सकती हैं. यह घटना दिखाती है कि भले ही विमान अत्याधुनिक हो, लेकिन सही प्रशिक्षण, उपकरणों की समझ और पायलट की स्थिति में मानसिक दबाव एक गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं.

गूंजता सवाल- तो आखिरकार हुआ क्या?

दुर्घटना के बाद दुनिया भर में एयरलाइन कंपनियों और पायलटों के प्रशिक्षण पर गहन विचार-विमर्श हुआ. विमानन उद्योग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई सुधार किए कि ऐसी घटना फिर से न हो. हालांकि, यह हादसा यह सिद्ध करता है कि विमानन के क्षेत्र में मानव त्रुटियों की संभावना हमेशा बनी रहती है, चाहे विमान कितना भी सुरक्षित क्यों न हो.

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  • भारत एक्सप्रेस


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