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यूपीएससी ने उन्हें कई बार परीक्षा देने के लिए अपनी पहचान गलत बताने का दोषी पाया. इस विवाद के बाद यूपीएससी ने 2009 से 2023 के बीच आईएएस स्क्रीनिंग प्रक्रिया को पास करने वाले 15,000 से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की जांच की थी.