(प्रतीकात्मक तस्वीर: AI)
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार (18 नवंबर) को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह वर्षों में भारत में आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. साथ ही बेरोजगारी दर में कमी आई है और कार्यबल में शिक्षित महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
मंत्रालय के आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि रोजगार की विभिन्न श्रेणियों में महिलाओं की आय में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके अलावा आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में महिला श्रमबल में भागीदारी में भी तेजी से वृद्धि हुई है.
रोजगार उपलब्धता में सुधार
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा किए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) से पता चलता है कि पिछले 6 वर्षों में समग्र भारतीय श्रम बाजार संकेतकों में सुधार हुआ है. यह श्रमिक जनसंख्या अनुपात (DPR) में परिलक्षित होता है, जो 2017-18 में 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 58.2 प्रतिशत हो गया है.
आंकड़ों के अनुसार, इसी अवधि के दौरान श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 60.1 प्रतिशत हो गई तथा बेरोजगारी दर (UR) 6.0 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत हो गई, जो रोजगार उपलब्धता और आर्थिक स्थिरता में सुधार को दर्शाता है.
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महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
देश में महिला श्रम शक्ति से संबंधित PLFS डेटा के मंत्रालय के विश्लेषण के अनुसार, ग्रामीण और शहरी सहित विभिन्न श्रेणियों में आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. PLFS के अनुसार, ग्रामीण एफएलएफपीआर में 2017-18 और 2023-24 के बीच 23 प्रतिशत अंकों की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है (2017-18 में 24.6 प्रतिशत और 2023-24 में 47.6 प्रतिशत), जो ग्रामीण उत्पादन में महिलाओं के बढ़ते योगदान को दर्शाता है.
महिलाओं के लिए WPR 2017-18 में 22 प्रतिशत से दोगुना होकर 2023-24 में 40.3 प्रतिशत हो गया; महिलाओं के लिए LFPR 23.3 प्रतिशत से बढ़कर 41.7 प्रतिशत हो गया और बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई.
कार्यबल में शिक्षित महिलाएं
सर्वे में आगे कहा गया है कि कार्यबल में शिक्षित महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है. PLFS के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में पोस्टग्रेजुएट और उससे ऊपर की शिक्षा स्तर वाली कुल महिलाओं में से लगभग 39.6 प्रतिशत काम कर रही हैं, जबकि 2017-18 में यह 34.5 प्रतिशत थी.
वहीं, हायर सेकेंडरी शिक्षा स्तर वाली कुल महिलाओं में से 23.9 प्रतिशत 2023-24 में कार्यबल में शामिल होंगी, जबकि 2017-18 में यह आंकड़ा 11.4 प्रतिशत था. इसके अलावा प्राथमिक स्तर तक शिक्षित कुल महिलाओं में से लगभग 50.2 प्रतिशत 2023-24 में कार्यबल में शामिल होंगी, जबकि 2017-18 में यह आंकड़ा 24.9 प्रतिशत था.
-भारत एक्सप्रेस
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